"श्राद्ध": अवतरणों में अंतर

No edit summary
No edit summary
पंक्ति 1:
[[चित्र:Pinda Daan - Jagannath Ghat - Kolkata 2012-10-15 0689.JPG|right|thumb|300px|कोलकाता के जगन्नाथ घाट पर पिण्डदान करते हुए श्रद्धालु]]
{{हिन्दू धर्म सूचना मंजूषा}}
'''श्राद्ध''' [[हिन्दू]] एवं अन्य भारतीय धर्मों में किया जाने वाला एक कर्म है जो [[पितर|पितरों]] के प्रति श्रद्धा और कृतज्ञता अभिव्यक्त करने तथा उन्हें याद करने के निमित्त किया जाता है। इसके पीछे मान्यता है कि जिन पूर्वजों के कारण हम आज अस्तित्व में हैं, जिनसे गुण व कौशल, आदि हमें विरासत में मिलें हैं, उनका हम पर न चुकाये जा सकने वाला ऋण हैं। वे हमारे पूर्वज पूजनीय हैं।
 
माता और पिता दोनों का श्राद्ध उनके देहावसान के दिन हिन्दू पंचांग के अनुसार किया जाता है। इसके अलावा प्रतिवर्ष [[श्राद्ध पक्ष]] (या [[पितृपक्ष]] में सभी पितरों के लिए श्राद्ध किया जाता है। 'पितर' से आधय माता-पिता, नाना-नानी, दादी-दादी, और उनके पहले उत्पन्न सभी सम्बन्धी (मातृपक्ष और पितृपक्ष दोनों के) हैं।
 
[[चित्र:Pinda Daan - Jagannath Ghat - Kolkata 2012-10-15 0689.JPG|right|thumb|300px|कोलकाता के जगन्नाथ घाट पर पिण्डदान करते हुए श्रद्धालु]]
 
==इतिहास एवं प्रथाएँ==