"भारतीय अधिराज्य": अवतरणों में अंतर

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{{भारत का इतिहास}}
 
'''भारत अधिराज्य''', मौजूदा [[भारत]](अर्थात् [[भारत|भारत गणराज्य]]) की संक्रमणकालीन अवस्था थी। यह ३ साल तक; १९४७ से १९५० में संविधान के प्रवर्तन तक, अस्तित्व में रही थी। यह मूल रूप से भारत में ब्रिटिश-उपनिवेशिक शासित अवस्था से स्वतंत्र, स्वायत्त, लोकतांत्रिक, भारतीय गणराज्य के बीच की अस्थाई शासन अथवा राज्य थी। इसे आधिकारिक रूप से [[हिन्दी|हिंदी]] में '''भारत अधिराज्य''' एवं [[अंग्रेज़ी भाषा|अंग्रेज़ी]] में '''डोमीनियन ऑफ़ इंडिया'''({{lang-en|Dominion of India}}) कहा था। सन १९४७ में [[ब्रितानियाई संसद]] में भारतीय स्वतंत्रता अधीनियम पारित होने के बाद, अधिकारिक तौर पर, [[यूनाइटेड किंगडम|यूनाईटेड किंगडम]] की सरकार ने भारत पर अपनी प्रभुता त्याग दी और भारत में स्वशासन अथवा स्वराज लागू कर दिया। इसके साथ ही [[ब्रिटिश भारत के प्रेसीडेंसी और प्रांत|ब्रिटिश भारत]](ब्रिटिश-भारतिय उपनिवेष) का अंत हो गया और भारत [[कनाडा|कैनडा]] और [[ऑस्ट्रेलिया]] की हिही तरह एक [[स्वायत्त्योपनिवेष]](डोमीनियन) बन गय, (अर्थात [[ब्रिटिश साम्राज्य]] में ही स्वायत्त्यस्वायत्त इकाई)। ब्रिटिश संसद के भारत-संबंधित सारे विधानाधिकारों को (1945 में गठित) [[भारतीय संविधान सभा|भारत की संविधान सभा]] के अधिकार में सौंप दिया गया, [[भारत]], [[राष्ट्रमण्डल प्रजाभूमि|ब्रिटिश-राष्ट्रमंडल प्रदेश]] का सहपद सदस्य भी बन गया साथ ही [[ब्रिटेन]] के राजा ने '''[[भारत के सम्राट]]''' का शाही ख़िताब त्याग दिया। ब्रिटिश स्वयत्तयोपनिवेषस्वायत्तयोपनिवेष एवं रष्ट्रमंडल प्रदेश का हिस्सा होने के नाते [[इंग्लैण्ड|इंगलैंड]] के राजा [[जॉर्ज षष्ठम्|ज्यौर्ज (षष्ठम)]] को भारत का राष्ट्राध्यक्ष बनाया गया एवं आन्य राष्ट्रमंडल देशों की तरह ही भारतियभारतीय लैहज़ेलहज़े में उन्हें [[भारत के राजा]] की उपादीउपाधि से नवाज़ा गया(यह पद केवल नाम-मात्र एवं शिश्टाचारशिष्टाचार के लिये था), भारत में उनका प्रतिनिधित्व भारत के महाराज्यपाल(गवरनर-जनरल) के द्वारा ही होता था। 1950 में [[भारत का संविधान|संविधान]] के लागू होने के साथ ही भारत एक पूर्णतः स्वतंत्र गणराज्य बन गया और साथ ही भारत के राजा के पद को हमेशा के लिये स्थगित कर दिया गया, और भारत के संवंधानसंविधान द्वराद्वारा स्थापित लोकतांत्रिक प्रकृयाप्रक्रिया द्वारा चुने गए [[भारत के राष्ट्रपति|भारत के महामहिं राष्ट्रपति]] के पद से बदल दिया गया। इस बीच भारत में दो महाराज्यपालों को नियुक्त किया गया, महामहिं महाराज्यपाल लाॅर्ड माउण्टबैटनमाउण्टबेटन और महामहिं महाराज्यपाल चक्रवर्ती राजागोपालाचारी।
 
==इतिहास==