"शिल्पशास्त्र": अवतरणों में अंतर
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इस प्रकार की [[चौसठ कलाएँ|चौसठ कलाओं]] का उल्लेख मिलता है जिन्हे 'बाह्य-कला' कहते हैं। इनमें [[काष्ठकारी]], [[वास्तुकला|स्थापत्य कला]], [[आभूषण]] कला, [[नाट्य शास्त्र|नाट्यकला]], [[संगीत]], [[आयुर्वेद|वैद्यक]], [[नृत्य]], [[काव्यशास्त्र]] आदि हैं। इनके अलावा चौसठ अभ्यन्तर कलाओं का भी उल्लेख मिलता है जो मुख्यतः 'काम' से सम्बन्धित हैं, जैसे चुम्बन, आलिंगन आदि।
यद्यपि सभी विषय आपस में सम्बन्धित हैं किन्तु शिल्पशास्त्र में मुख्यतः [[https://easenex.blogspot.com/2020/04/how-to-make-sculpture-hindi.html [मूर्ति कला]|मूर्तिकला]] और [[वास्तु शास्त्र|वास्तुशास्त्र]] में भवन, [[दुर्ग]], [[मन्दिर]], आवास आदि के निर्माण का वर्णन है।
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