"आयकर": अवतरणों में अंतर
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भारतीय आयकर अधिनियम 1961 में आय को मुख्य रूप से पांच भागों या स्त्रोत के रूप में बांटा गया हैं जिसकी गणना आयकर अधिनियम के प्रावधानों के अनुसार की जाती हैं| यह इस प्रकार हैं:
==== 1. वेतन के रूप में आय (salary head ) ====
इस स्त्रोत के तहत कर्मचारी को मिलने वाला वेतन, एन्युटी, पेंशन, ग्रेच्युटी, फीस, कमीशन, छुट्टी की जगह नकद भुगतान (लीव एनकैशमेंट), सालाना वृद्धि, प्रोविडेंट फंड में जमा रकम और कर्मचारी के पेंशन खाते में किया गया योगदान शामिल हैं|
==== 2. मकान किराये से आय(house property) ====
खुद के स्वामित्व वाले मकान के किराए से आमदनी को घरेलू संपत्ति से आय माना जाता है. एक से अधिक मकान होने की स्थिति में अगर मकान खाली है यानी उसमें कोई किराएदार नहीं है तो भी एक मकान को छोड़कर अन्य मकानों की अनुमानित आय आमदनी में जोड़ दी जाती है|
==== 3. कारोबार या पेशे से आय (PGBP) ====
किसी कारोबार या पेशे से होने वाला लाभ, व्यापार के तहत प्राप्त किया ब्याज, साझेदारी के पार्टनर को मिला वेतन या बोनस आदि आते हैं|
==== 4. पूंजीगत लाभ के रूप में आय(Capital gain ) ====
पूंजीगत लाभ के तहत कोई पूंजीगत संपत्ति की बिक्री से हुआ लाभ आता हैं| इसमें शॉर्ट टर्म और लॉन्ग टर्म दोनों तरह के पूंजीगत लाभ शामिल हैं.
==== 5. अन्य स्रोत से आय 9( other source) ====
बैंक डिपॉजिट और सिक्योरिटीज पर मिला ब्याज, शेयरों पर मिले लाभांश, रॉयल्टी इनकम, लॉटरी या रेस जीतने और उपहार के रूप में मिली रकम को अन्य स्रोत से आय माना जाता है|<ref>{{Cite web|url=https://charteredindia.com/hi/income-tax-explained-hindi/|title=इनकम टैक्स की पूरी जानकारी|last=|first=|date=|website=Chartered India|archive-url=|archive-date=|dead-url=|access-date=}}</ref>
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