"चित्रकला": अवतरणों में अंतर

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== इतिहास ==
चित्रकला का प्रचार [[चीन]], [[मिस्र]], [[भारत]] आदि देशों में अत्यंत प्राचीन काल से है। मिस्र से ही चित्रकला [[यूनान]] में गई, जहाँ उसने बहुत उन्नति की। ईसा से १४०० वर्ष पहले मिस्र देश में चित्रों का अच्छा प्रचार था। [[लंदन]] के [[ब्रिटिश संग्रहालय]] में ३००० वर्ष तक के पुराने मिस्री चित्र हैं। भारतवर्ष में भी अत्यंत प्राचीन काल से यह विधा प्रचलित थी, इसके अनेक प्रमाण मिलते हैं। [[रामायण]] में चित्रों, चित्रकारों और [[चित्रशाला]]ओं का वर्णन बराबर आया है। विश्वकर्मीय [[शिल्पशास्त्र]] में लिखा है कि स्थापक, तक्षक, शिल्पी आदि में से शिल्पी को ही चित्र बनाना चाहिए। प्रकृतिकप्राकृतिक दृश्यों को अंकित करने में प्राचीन भारतीय चित्रकार कितने निपुण होते थे, इसका कुछ आभास [[भवभूति]] के [[उत्तररामचरित]] के देखने से मिलता है, जिसमें अपने सामने लाए हुए वनवास के चित्रों को देख [[सीता]] चकित हो जाती हैं। यद्यपि आजकल कोई ग्रंथ चित्रकला पर नहीं मिलता है, तथापि प्राचीन काल में ऐसे ग्रंथ अवश्य थे। [[काश्मीरकश्मीर]] के राजा [[जयादित्य]] की सभा के कवि [[दोमोदर गुप्त]] आज से ११०० वर्ष पहले अपने [[कुट्टनीमत]] नामक ग्रंथ में चित्रविद्या के 'चित्रसूत्र' नामक एक ग्रंथ का अल्लेख किया है। [[अजंता गुफा]] के चित्रों में प्राचीन भारतवासियों की चित्रनिपुणता देख चकित रह जाना पड़ता है। बड़े बड़े विज्ञ युरोपियनों ने इन चित्रों की प्रशंसा की है। उन गुफाओं में चित्रों का बनाना ईसा से दो सौ वर्ष पूर्व से आरंभ हुआ ता औरक आठवीं शताब्दी तक कुछ न कुछ गुफाएँ नई खुदती रहीं। अतः डेढ़ दो हजार वर्ष के प्रत्यक्ष प्रमाण तो ये चित्र अवश्य हैं।
 
== परिचय ==