"लालकृष्ण आडवाणी": अवतरणों में अंतर

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इसी दौरान वर्ष 1990 में [[राम मंदिर, हरिद्वार|राम मंदिर]] आंदोलन के दौरान उन्होंने [[सोमनाथ मन्दिर|सोमनाथ]] से [[अयोध्या]] के लिए रथयात्रा निकाली। हालांकि आडवाणी को बीच में ही गिरफ़्तार कर लिया गया पर इस यात्रा के बाद आडवाणी का राजनीतिक कद और बड़ा हो गया।<ref>{{cite web|url=https://khabar.ndtv.com/news/blogs/lalu-yadavs-account-on-why-and-how-he-arrested-lk-advani-1784856|title=लालू प्रसाद यादव की ज़ुबानी, लालकृष्ण आडवाणी को क्यों और कैसे गिरफ्तार किया था}}</ref> 1990 की रथयात्रा ने लालकृष्ण आडवाणी की लोकप्रियता को चरम पर पहुँचा दिया था। वर्ष 1992 में [[बाबरी मस्जिद]] विध्वंस के बाद जिन लोगों को अभियुक्त बनाया गया है उनमें आडवाणी का नाम भी शामिल है।
 
लालकृष्ण आडवाणी तीन बार भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष पद पर रह चुके हैं। आडवाणी चार बार [[राज्य सभा|राज्यसभा]] के और पांच बार [[लोक सभा|लोकसभा]] के सदस्य रहे। वर्तमान में भी वो [[गुजरात]] के [[गाँधीनगर|गांधीनगर]] संसदीय क्षेत्र से लोकसभा के सांसद हैं। वर्ष 1977 से 1979 तक पहली बार केंद्रीय सरकार में कैबिनेट मंत्री की हैसियत से लालकृष्ण आडवाणी ने दायित्व संभाला। आडवाणी इस दौरान सूचना प्रसारण मंत्री रहे।
 
आडवाणी ने अभी तक के राजनीतिक जीवन में सत्ता का जो सर्वोच्च पद संभाला है वह है एनडीए शासनकाल के दौरान उपप्रधानमंत्री का। लालकृष्ण आडवाणी वर्ष 1999 में एनडीए की सरकार बनने के बाद [[अटल बिहारी वाजपेयी]] के नेत़ृत्व में केंद्रीय गृहमंत्री बने और फिर इसी सरकार में उन्हें 29 जून 2002 को उपप्रधानमंत्री पद का दायित्व भी सौंपा गया।