"ज्योतिराव गोविंदराव फुले": अवतरणों में अंतर
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| other_names = महात्मा फुले
| birth_date = {{Birth date|df=yes|1827|04|11}}
| birth_place = [[खानवाडी]],<ref>Garge, S. M., Editor, ''Bhartiya Samajvigyan Kosh'', Vol. III, Page. No. 321, published by Samajvigyan Mandal, Pune</ref> [[पुणे जिला|पुणे]], [[ब्रिटिश भारत]] (अब [[महाराष्ट्र]] में)
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महात्मा '''जोतिराव गोविंदराव फुले''' (
इनका मूल उद्देश्य
== आरम्भिक जीवन ==
[[चित्र:Jyotiba phule statue.jpg|thumb|right|[[कराड]] में स्थित ज्योतिबा फुले की एक मूर्ति]]
महात्मा ज्योतिबा फुले का जन्म 1827 ई. में [[पुणे]] में हुआ था। एक वर्ष की अवस्था में ही इनकी माता का निधन हो गया। इनका लालन-पालन एक बायी ने किया। उनका परिवार कई पीढ़ी पहले [[सतारा]] से पुणे आकर फूलों के गजरे आदि बनाने का काम करने लगा था। इसलिए [[माली]] के काम में लगे ये लोग 'फुले' के नाम से जाने जाते थे। ज्योतिबा ने कुछ समय पहले तक [[मराठी]] में अध्ययन किया, बीच में पढाई छूट गई और बाद में 21 वर्ष की उम्र में [[अंग्रेजी]] की सातवीं कक्षा की पढाई पूरी की। इनका
== कार्यक्षेत्र ==
उन्होंने विधवाओं और महिलाओं के कल्याण के लिए बहुत काम किया, इसके साथ ही किसानों की हालत सुधारने और उनके कल्याण के लिए भी काफी प्रयास किये। स्त्रियों की दशा सुधारने और उनकी शिक्षा के लिए
==विद्यालय की स्थापना==
ज्योतिबा की संत-महत्माओं की जीवनियाँ पढ़ने में बड़ी रुचि थी। उन्हें ज्ञान हुआ कि जब भगवान के सामने सब नर-नारी समान हैं तो उनमें ऊँच-नीच का भेद क्यों होना चाहिए। स्त्रियों की दशा सुधारने और उनकी शिक्षा के लिए ज्योतिबा ने 1848 में एक स्कूल खोला। यह इस काम के लिए देश में पहला विद्यालय था। लड़कियों को पढ़ाने के लिए अध्यापिका नहीं मिली तो उन्होंने कुछ दिन स्वयं यह काम करके अपनी पत्नी सावित्री को इस योग्य बना दिया। कुछ लोगों ने आरम्भ से ही उनके काम में बाधा डालने की चेष्टा की, किंतु जब फुले आगे बढ़ते ही गए तो उनके पिता पर दबाब डालकर पति-पत्नी को घर से निकालवा दिया इससे कुछ समय के लिए उनका काम रुका अवश्य, पर शीघ्र ही उन्होंने एक के बाद एक बालिकाओं के तीन स्कूल खोल दिए<ref>{{Cite web|url=https://aajtak.intoday.in/education/story/know-about-social-worker-jyotiba-phule-on-his-birth-anniversery-tedu-1-995600.html|title=सावित्रीबाई फुले ज्योतिबा फुले जी की धर्मपत्नी समाजसेविका थी उन्होंने भारत देश में सबसे पहिली पाठशाला महिला ओ के लिए खोली थी.|last=पारेक|first=मोहित|date=
== महात्मा की उपाधि ==
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महात्मा ज्योतिबा व उनके संगठन के संघर्ष के कारण सरकार ने ‘एग्रीकल्चर एक्ट’ पास किया। धर्म, समाज और परम्पराओं के सत्य को सामने लाने हेतु उन्होंने अनेक पुस्तकें भी लिखी.<ref>{{Cite web|url=http://hindi.webdunia.com/inspiring-personality/mahatma-jyotiba-fule-115041000059_1.html|title=महात्मा ज्योतिबा फुले|last=Webdunia|website=hindi.webdunia.com|language=hi|access-date=2020-04-11}}</ref>
*
==इन्हें भी देखें==
* [[भीमराव आंबेडकर]]
* [[राजा राममोहन राय]]
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== सन्दर्भ ==
{{टिप्पणीसूची}}
[[श्रेणी:व्यक्तिगत जीवन]]
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[[श्रेणी:सामाजिक कार्यकर्ता]]
[[श्रेणी:1827 में जन्मे लोग]]
[[श्रेणी:
[[श्रेणी:महाराष्ट्र का इतिहास]]
[[श्रेणी:विचारक]]
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