"वैज्ञानिक विधि": अवतरणों में अंतर

छो बॉट: पुनर्प्रेषण ठीक कर रहा है
No edit summary
टैग: मोबाइल संपादन मोबाइल वेब संपादन
पंक्ति 3:
[[विज्ञान]], प्रकृति का विशेष ज्ञान है। यद्यपि मनुष्य प्राचीन समय से ही प्रकृति संबंधी ज्ञान प्राप्त करता रहा है, फिर भी विज्ञान अर्वाचीन काल की ही देन है। इसी युग में इसका आरंभ हुआ और थोड़े समय के भीतर ही इसने बड़ी उन्नति कर ली है। इस प्रकार संसार में एक बहुत बड़ी क्रांति हुई और एक नई सभ्यता का, जो विज्ञान पर आधारित है, निर्माण हुआ।
 
ब्रह्माण्ड के परीक्षण का सम्यक् तरीका भी धीरे-धीरे विकसित हुआ। किसी भी चीज के बारे में यों ही कुछ बोलने व तर्क-वितर्क करने के बजाय बेहतर है कि उस पर कुछ [[प्रयोग]] किये जायें और उसका सावधानी पूर्वक निरीक्षण किया जाय। इस विधि के परिणाम इस अर्थ में सार्वत्रिक हैं कि कोई भी उन प्रयोगों को पुनः दोहरा कर प्राप्त आंकडोंआंकड़ों की जांच कर सकता है।
 
सत्य को असत्य व भ्रम से अलग करने के लिये अब तक आविष्कृत तरीकों में '''वैज्ञानिक विधि''' सर्वश्रेष्ठ है। संक्षेप में वैज्ञानिक विधि निम्न प्रकार से कार्य करती है:
पंक्ति 9:
* (१) ब्रह्माण्ड के किसी घटक या घटना का निरीक्षण करिए,
 
* (२) एक संभावित [[परिकल्पना]] (hypothesis) सुझाइए जो प्राप्त आकडोंआकड़ों से मेल खाती हो,
 
* (३) इस परिकल्पना के आधार पर कुछ भविष्यवाणी (prediction) करिये,
 
* (४) अब प्रयोग करके भी देखिये कि उक्त भविष्यवाणियां प्रयोग से प्राप्त आंकडोंआंकड़ों से सत्य सिद्ध होती हैं या नहीं। यदि आकडेआंकड़े और प्राक्कथन में कुछ असहमति (discrepancy) दिखती है तो परिकल्पना को तदनुसार परिवर्तित करिये,
 
* (५) उपरोक्त चरण (३) व (४) को तब तक दोहराइये जब तक सिद्धान्त और प्रयोग से प्राप्त आंकडोंआंकड़ों में पूरी सहमति (consistency) न हो जाय।जाए ।
 
'''किसी वैज्ञानिक सिद्धान्त या परिकल्पना की सबसे बडीबड़ी विशेषता यह है कि उसे असत्य सिद्ध करने की गुंजाइश (scope) होनी चाहिये।''' जबकी मजहबी मान्यताएं ऐसी होतींहोती हैं जिन्हे असत्य सिद्ध करने की कोई गुंजाइश नहीं होती। उदाहरण के लिये 'जो जीसस के बताये मार्ग पर चलेंगे, केवल वे ही स्वर्ग जायेंगे' - इसकी सत्यता की जांच नहीं की जा सकती।
 
== इतिहास ==