"आधुनिक हिंदी गद्य का इतिहास": अवतरणों में अंतर

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आधुनिक खडी बोली के गद्य के विकास में विभिन्न धर्मों की परिचयात्मक पुस्तकों का खूब सहयोग रहा जिसमें ईसाई धर्म का भी योगदान रहा। बंगाल के राजा [[राजा राममोहन राय|राम मोहन राय]] ने 1815 ईस्वी में [[वेदांत सूत्र]] का हिन्दी अनुवाद प्रकाशित करवाया। इसके बाद उन्होंने 1829 में [[बंगदूत]] नामक पत्र हिन्दी में निकाला। इसके पहले ही 1826 में कानपुर के [[पं जुगल किशोर]] ने हिन्दी का पहला समाचार पत्र [[उदन्त मार्तण्ड|उदंतमार्तंड]] [[कोलकाता जिला|कलकत्ता]] से निकाला. इसी समय गुजराती भाषी [[आर्य समाज]] संस्थापक स्वामी [[दयानन्द सरस्वती|दयानंद सरस्वती]] ने अपना प्रसिद्ध ग्रंथ [[सत्यार्थ प्रकाश]] हिन्दी में लिखा।
 
== कक्षा 9 हिन्दी ==
== भारतेंदु युग ==
[[भारतेन्दु हरिश्चंद्र|भारतेंदु हरिश्चंद्र]] (1850-1885) को हिन्दी-साहित्य के आधुनिक युग का प्रतिनिधि माना जाता है। उन्होंने [[कविवचन सुधा]], हरिश्चन्द्र मैगजीन और [[हरिश्चंद्र पत्रिका]] निकाली. साथ ही अनेक नाटकों की रचना की. उनके प्रसिध्द नाटक हैं- चंद्रावली, भारत दुर्दशा, अंधेर नगरी. ये नाटक रंगमंच पर भी बहुत लोकप्रिय हुए. इस काल में निबंध नाटक उपन्यास तथा कहानियों की रचना हुई. इस काल के लेखकों में [[बालकृष्ण भट्ट]], [[प्रतापनारायण मिश्र|प्रताप नारायण मिश्र]], [[राधा चरण गोस्वामी]], [[उपाध्याय बदरीनाथ चौधरी प्रेमघन]], [[लाला श्रीनिवास दास]], [[देवकीनन्दन खत्री|बाबू देवकी नंदन खत्री]] और [[किशोरी लाल गोस्वामी]] आदि उल्लेखनीय हैं। इनमें से अधिकांश लेखक होने के साथ साथ पत्रकार भी थे।