"इलावृतवर्ष": अवतरणों में अंतर

No edit summary
छोNo edit summary
पंक्ति 40:
* सुपार्श्व उत्तर में<ref name="ReferenceA">[[भागवत]] पुराण के पंचम स्कंध सोलवाँ अध्याय।</ref>
[[चित्र:An attempt to depict the cosmology of the Puranas, and Mount Meru, provenance and exact date unknown.jpg|thumb|300px|मेरु पर्वत की आधुनिक चित्रकारी।]]
[https://thegk.in/ '''यह चारों पर्वत'''] दस-दस हजार योजन ऊँचे हैं। इन चारों पर्वतों के ऊपर इनके ध्वजों के समान ग्यारह-ग्यारह सौ योजन ऊँचे तथा सौ-सौ योजन मोटे आम, जम्बु, वट तथा कदंब के वृक्ष हैं। इसी जम्बू (जामुन) के वृक्ष से ही जम्बूद्वीप का नामकरण हुआ है।<ref name="ReferenceA"/>
 
मंदराचल पर्वत के ध्वजरूपी आम के वृक्ष के फल जब गिरते हैं तब उनके दिव्य रस से अरुणोदा नामक नदी का निर्माण होता है, इसका पान माता [[पार्वती]] की दासियाँ यक्षपत्नियाँ करतीं है जिससे उनके शरीर से अद्वितीय सुगंध का उत्सर्जन होता रहता है।<ref name="ReferenceA"/>