"भारत में जीवन स्तर": अवतरणों में अंतर

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[[चित्र:DelhiMetro.jpg|दाएँ|अंगूठाकार| [[दिल्ली मेट्रो रेल|नई दिल्ली मेट्रो]] 2002 से चालू है। इसे अन्य महानगरों के लिए एक मॉडल के रूप में देखा जाता है। ]]
 
== क्षेत्रीय असंतुलन ==
विभिन्न क्षेत्रों में बढ़ती ग़ैर-बराबरी भारत की अर्थव्यवस्था के सामने बड़ी चुनौती बनकर उभरी है। प्रति व्यक्ति आय, गरीबी, बुनियादी ढांचे की उपलब्धता और सामाजिक-आर्थिक विकास के संदर्भ में भारत के विभिन्न राज्यों और क्षेत्रों के बीच तेज़ी से बढ़ती क्षेत्रीय विविधताएं हैं। उदाहरण के लिए, [[अर्थव्यवस्था के आकार के आधार पर भारत के राज्य|अग्रिम और पिछड़े राज्यों]] के बीच की वृद्धि दरों में अंतर 1980-81 से 1990–91 के दौरान 0.3% (5.2% और 4.9%) था, लेकिन 1990-91 से 1997–98 तक के दौरान 3.3% (6.3% और 3.0%) तक बढ़ गया था।<ref name="Datt-13">{{Cite book|title=Indian Economy|last=Datt, Ruddar|last2=Sundharam, K.P.M.|pages=471–472|chapter=27|last-author-amp=yes}}</ref>
 
[[भारत की पंचवर्षीय योजनाएँ|पंचवर्षीय योजनाओँ]] के तहत भारत के अंदरूनी इलाक़ों में औद्योगिक विकास करके इस खाई को पाटने की कोशिश तो की गई, किंतु फ़ैक्टरियाँ अक्सर शहरी इलाक़ों और बंदरगाह वाले (तटीय) शहरों के आसपास ही सिमट कर रह जाती हैं। यहाँ तक कि [[भिलाई]] जैसे औद्योगिक नगरीय क्षेत्र तक से अंदरूनी इलाक़ों में कोई ख़ास विकास देखने को नहीं मिला है।<ref name="bharadwaj-1">{{cite book|title=Industry & agriculture in India since independence|author=Bharadwaj, Krishna|publisher=Oxford University Press|year=1991|isbn=0-19-564394-1|editor=Sathyamurthy, T.V.|pages=189–199|chapter=Regional differentiation in India}}</ref> उदारीकरण के बाद, सरकार की तमाम कोशिशों के बावजूद असमानताएँ बढ़ती ही जा रही हैं। इसका एक कारण यह है कि [[उद्योग]] और [[सेवा (अर्थशास्त्र)|सेवाओँ]] पर आर्थिक प्रगति के इंजन बनने का बोझ है, जबकि देश का एक बड़ा तबक़ा अपने जीवन-यापन के लिए [[कृषि]] पर निर्भर है। जो राज्य अग्रणी हैं, वहाँ बेहतर [[आधारिक संरचना|बुनियादी ढाँचा]] उपलब्ध है- आधुनिक [[बन्दरगाह|बंदरगाह]], [[शहरीकरण]] के साथ वहाँ के कर्मचारी शिक्षित और कार्यकुशल हैं। इससे औद्योगिक और सेवा सेक्टर इन स्थानों की ओर आकर्षित होते हैं। केंद्र सरकार और पिछड़े प्रदेशों की राज्य सरकारें टैक्स में छूट, सस्ती ज़मीन इत्यादि मुहैया करा पर्यटन जैसे अन्य क्षेत्रों को विकसित करने में जुटी हुई हैं। इसके पीछे कारण यह है कि पर्यटन भूगोल और इतिहास पर अधिक आधारित है, और इसमें तेज़ी से तरक़्क़ी होने की उम्मीद दिखाई देती है।<ref name="understanding-2">{{cite journal|author1=Sachs, D. Jeffrey|author2=Bajpai, Nirupam|author3=Ramaiah, Ananthi|lastauthoramp=yes|year=2002|title=Understanding Regional Economic Growth in India|url=http://www2.cid.harvard.edu/cidwp/088.pdf|format=PDF|version=Working paper 88|archiveurl=https://web.archive.org/web/20070701042205/http://www2.cid.harvard.edu/cidwp/088.pdf|archivedate=1 July 2007|url-status=dead|df=dmy-all}}</ref><ref name="planning-2">{{cite web|url=http://planningcommission.nic.in/reports/sereport/ser/vision2025/regdsprty.doc|title=Regional disparities in india|author=Kurian, N.J.|work=|accessdate=6 August 2005}}</ref>
 
== ये भी देखें ==