"पर्यटन भूगोल": अवतरणों में अंतर
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[[चित्र:Vascodagama.JPG|thumb|200px|वास्को डि गामा [[कालीकट]], [[भारत]] के तट पर [[20 मई]] [[1498]]।]]
'''पर्यटन भूगोल''' या भू-पर्यटन, [[मानव भूगोल]] की एक प्रमुख शाखा हैं। इस शाखा में [[पर्यटन]] एवं यात्राओं से सम्बन्धित तत्वों का अध्ययन, भौगोलिक पहलुओं को ध्यान में रखकर किया जाता है। नेशनल जियोग्रेफ़िक की एक परिभाषा के अनुसार किसी स्थान और उसके निवासियों की संस्कृति, सुरुचि, परंपरा, जलवायु, पर्यावरण और विकास के स्वरूप का विस्तृत ज्ञान प्राप्त करने और उसके विकास में सहयोग करने वाले पर्यटन को "पर्यटन भूगोल" कहा जाता है।<ref>{{cite web |url= http://www.nationalgeographic.com/travel/sustainable/about_geotourism.html|title=About Geotourism
|access-date=[[24 मार्च]] [[2008]]|format= एचटीएमएल|publisher=नेशनल जियोग्रेफ़िक |language=
== पर्यटन का भौगोलिक प्रारम्भ ==
[[चित्र:ColombusMap.jpg|thumb|300px|right|कोलम्बस की यात्राओं सें संबंधित यह मानचित्र १४९० में बनाया गया था]] भूगोल और पर्यटन का सम्बंध बहुत पुराना है, लेकिन पर्यटन का भौगोलिक प्रारम्भ धीरे-धीरे हुआ। प्राचीन काल से ही लोग एक स्थान से दूसरे स्थान को गमनागमन करते थे। अनेक प्रजातियों जैसे [[मंगोलायड प्रजाति]], [[नीग्रोइड्स]] इत्यादि ने अन्तरमहाद्वीपीय स्थानान्तरण किया, किन्तु ये पलायन केवल जीवन के स्तर पर आधारित था और यह मानव बसाव की स्थायी प्रक्रिया थी अतएव इसका कोई पर्यटन महत्व नहीं माना जा सकता। जब [[खोज का युग]] आया तो पुर्तगाल और चीन जैसे देशों के यात्रियों ने आर्थिक कारणों, धार्मिक कारणों एवं दूसरी संस्कृतियों को जानने और समझने की जिज्ञासा के साथ अनेक अज्ञात स्थानों की खोज करने की शुरुआत की। इस समय परिवहन का साधन केवल समुद्री मार्ग एवं पैदल यात्रा थे। यहीं से पर्यटन को एक अलग रूप एवं महत्त्व मिलना प्रारम्भ हुआ। भूगोल ने पर्यटन को विकास का रास्ता दिखाया और इसी रास्ते पर चलकर पर्यटन ने भूगोल के लिए आवश्यक तथ्य एकत्रित किए। [[आमेरिगो वेस्पूची]], [[फ़र्दिनान्द मैगलन]], [[क्रिस्टोफ़र कोलम्बस]], [[वास्को दा गामा]] और [[फ्रांसिस ड्रेक]] जैसे हिम्मती यात्रियों ने भूगोल का आधार लेकर समुद्री रास्तों से अनजान स्थानों की खोज प्रारम्भ की और यही से भूगोल ने पर्यटन को एक प्राथमिक रूप प्रदान किया। अनेक संस्कृतियों, धर्मों और मान्यताओं का विकास पर्यटन भूगोल के द्वारा ही संभव हुआ। विश्व के विकास और निर्माण में पर्यटन भूगोल का अत्यधिक महत्त्व है। इसकी परिभाषा करते हुए कहा भी गया है कि खोज का जादुई आकर्षण ही पर्यटन भूगोल का आधार है और स्वयं संपर्क में आकर प्राप्त किया गया प्रामाणिक अनुभव इसकी शक्ति है।<ref>{{cite web |url= http://www.alternativegreece.gr/WebForms/CategoryDisplay.aspx?ID=8|title=a new dimension in environmental tourism
|access-date=[[24 मार्च]] [[2008]]|format= एएसपी|publisher=आल्टरनेटिव ग्रीस|language=
== भौगोलिक विचारधाराओं मे पर्यटन ==
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'''भारतीय विचारधारा'''
भारतीय परंपरा में परिव्राजक का स्थान प्राचीन काल से ही है। संन्यासी को किसी स्थान विशेष से मोह न हो, इसलिए परिव्राजक के रूप में पर्यटन करते रहना होता है। ज्ञान के विस्तार के लिए अनेक यात्राएँ की जाती थीं। [[आदि शंकर]] और [[स्वामी विवेकानन्द]] की प्रसिद्ध भारत यात्राएँ इसी उद्देश्य से हुईं। [[बौद्ध धर्म]] के आगमन पर [[गौतम बुद्ध]] के
== भौगोलिक तत्वों का पर्यटन में महत्त्व ==
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{{main|पर्यावरण भूगोल}}
[[चित्र:Kangaroo Sign at Stuart Highway.jpg|thumb|200 px|ऑस्ट्रेलिया के एक मार्ग पर [[कंगारू]] के क्षेत्र को प्रदर्शित करता चिह्न]] [[चित्र:Niagara Falls Ship.jpg|200px|thumb|right|[[नियाग्रा जल प्रपात]] जिसे देखने के लिए प्रतिवर्ष लाखों पर्यटक यहां पहुचते हैं]]
[[पर्यावरण]] के अन्तर्गत जैविक तत्व पर्यटन पर प्रभाव डालते है। स्थानीय जैव
=== भौगोलिक दृश्यों का आकर्षण ===
स्थानीय स्थलाकृति का गहराई के आधार पर भौतिक भूगोल में अध्ययन किया जाता है। पर्यटन भूगोल में इसका अध्ययन केवल उन क्षेत्रों तक सीमित होता है जो अपनी विशेष स्थलाकृति के कारण अनूठे होते हैं। ये विशेषताएं निर्जन और आबादी रहित पहाड़ी प्रदेशों में भी हो सकती हैं और स्वास्थ्यवर्धक जलवायु वाले पहाड़ी प्रदेशों में भी, उदाहरण के लिए भारत में [[शिमला]] और [[माउंट आबू]]। दूसरी तरफ नदी-घाटियाँ, सागर, झरने, सूखे मरूस्थल और भौगोलिक कारकों जैसे पानी, पवन, हिम आदि द्वारा उत्पन्न [[अपरदन|अपरदित]] एवं बनाई गई स्थलाकृतियाँ भी पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करती हैं। [[संयुक्त राज्य अमेरिका]] और [[ऑस्ट्रेलिया]] के अनेक पर्यटन क्षेत्र इसका उदाहरण हैं। ज्वालामुखी भी पर्यटकों के आकर्षण का
=== मौसमी महत्त्व ===
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== परिवहन व्यवस्था का पर्यटन में महत्त्व ==
एक सुव्यवस्थित [[परिवहन]] व्यवस्था किसी भी पर्यटन क्षेत्र की रीढ कही जा सकती हैं। पर्यटक चाहता है कि उसका पर्यटन-काल सभी प्रकार की परेशानियों से मुक्त हो। पर्यटक अपने मूल स्थान से गंतव्य-स्थल तक आसानी से जा सकें और इसके उपरान्त वापस अपने मूल स्थान पर आ सके। कोई भी देश अपने पर्यटन-स्थल को विकसित करने के बाद परिवहन की व्यवस्था पर अधिक बल देता है। पर्यटन के साथ परिवहन व्यवस्था इस प्रकार जुड़ गई है कि अनेक सरकारों और संस्थाओं ने पर्यटन और परिवहन नाम से अलग विभाग या
# [[सड़क मार्ग]], 2. [[रेल मार्ग]], 3. [[हवाई मार्ग]], 4. [[जल मार्ग]]
अब तो [[अंतरिक्ष पर्यटन]] प्रारम्भ हो गया है जो उन्न्त तकनीको के साथ पूर्णतया परिवहन व्यवस्था पर ही निर्भर हैं। [[संयुक्त राज्य अमेरिका]] के [[डेनिस टीटो]] सर्वप्रथम [[अंतरिक्ष पर्यटक]] बने। उन्होने २८ अप्रैल २००६ से ०६ मई २००६ के बीच अंतरिक्ष में रहकर यह कीर्तिमान स्थापित किया।
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'''शिक्षा हेतु पर्यटन'''
यह उन पर्यटकों के लिए है जो पर्यटक दूसरी संस्कृति को जानने व समझने के इच्छुक होते हैं। ये पर्यटक शोध अथवा
'''मनोरंजन हेतु पर्यटन'''
यह उन पर्यटकों के लिए है जो दूसरी संस्कृति को जानने के साथ ही मनोरंजन की भी कामना करते हैं। उदाहरण के किए भारत में जहाँ यह विभिन्न्ता पाई जाती है। यहाँ [[मार्च]] के महीने में [[होली]] नामक त्योहार अति हर्षोल्लास से मनाया जाता है। इस समय यहाँ का [[तापमान]] भी अनुकूल होता है। इसी समय का उपयोग करते हुए हज़ारों की संख्या में विदेशी पर्यटक यहाँ पहुँच जाते हैं। वे भारतीय लोगों के साथ इस रंगों से युक्त त्योहार का आनन्द लेते हैं। इस प्रकार से वे यात्रा के साथ-साथ भारत के सांस्कृतिक रूप से भी परिचित होते हैं। यहाँ यह भी उल्लेख करना आवश्यक होगा कि स्थानीय शासन भी इस समय पर्यटकों को आकर्षित करने के लिए अनेक योजनाएँ क्रियान्वित करता है। नई दिल्ली में दिल्ली सरकार द्वारा लागू की गई अतिथि देवो भव इसी प्रकार की एक सफल योजना है। भौगोलिक कारक भी पर्यटकों के मनोरंजन का कारण बनते हैं। क्योंकि दिन पृथ्वी पर सबसे पहले पूर्व दिशा से ही निकलता है, इसलिए नए साल का आनन्द लेने के लिए हज़ारों की संख्या में पर्यटक दुनिया के पूर्वी छोर पर चले जाते हैं। [[न्यूज़ीलैंड]] और [[आस्ट्रेलिया]] में ३१ दिसम्बर को हजारों पर्यटक अपनी उपस्थिति दर्ज कराते हैं।
दूसरी तरफ [[ब्राज़ील]] की [[सांबा परेड]] को देखने और उसकी मौज-मस्ती में शामिल होने के लिए हर साल लाखों पर्यटक ब्राज़ील पहुँचते हैं। इसी प्रकार [[स्पेन]] का [[सांड युद्ध]] औए [[टमाटर युद्ध]]<ref>{{cite web |url= http://samachar.boloji.com/200708/08306.htm|title= स्पेन के टमाटर युद्ध महोत्सव में 40 हजार से अधिक लोगों ने हिस्सा लिया|access-date=[[25 मई]] [[2008]]|format= एचटीएम|publisher= हिंदी नेस्ट|language=}}</ref> पर्यटकों द्वारा बहुत
'''मूल देश एवं अपने पूर्वजो के प्रति अपनापन'''
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{{main| पर्यटन में सहायक वस्तुएँ}}
[[चित्र:Al-Idrisi's world map.JPG|200px|thumb|right| [[अल-इदरीसी]] का ११५४ में बनाया विश्व मानचित्र, दक्षिण दिशा को उत्तर में दिखाया गया हैं]]
पर्यटक अनेक प्रकार के भौगोलिक मानचित्रों, उपकरणों व पुस्तकों का प्रयोग करते हैं। एक सही भौगोलिक [[मानचित्रावली]], किसी भी पर्यटक के लिए सर्वप्रथम और मुख्य साधन है। मानचित्रों में [[अक्षांश रेखाएं|अक्षांश रेखाएँ]] एवं [[देशान्तर रेखाएं|देशान्तर रेखाएँ]] दी हुई होती हैं जिनकी सहायता से किसी भी स्थल के लघु रूप का कागज पर सतही निरीक्षण किया जा सकता है। मानचित्रावली में पर्यटन पुस्तिका, पर्यटन
# शोध एवं
# बिना किसी पूर्व योजना के घूमने निकल पड़ने वाला मनमौजी पर्यटक जो हर प्रकार की तैयारी पहले से नहीं करते हैं।
इस प्रकार के पर्यटकों को प्रायः खोजकर्ता या रोमांच को पसन्द करने वालों की श्रेणी में रखा जाता है। इसके अतिरिक्त मानचित्रण प्रस्तुतिकरण जिसमें उपग्रहों के माध्यम से पृथ्वी के त्रिविम आयामी मानचित्रों का निर्माण किया जाता है और आकाश से तस्वीरें लेकर संसार के बड़े से बड़े और छोटे से छोटे भाग का सटीक मानचित्र तैयार कर दिया जाता है। पर्यटक आसानी से अपनी जेब में रख सकता है। इन मानचित्रों में रुढ़ चिह्न दिये होते है जिस कारण इन्हें समझना आसान होता है। अनेक प्रकार के सांख्यिकीय आँकड़ों के निरूपण पर्यटन के अनेक पहलुओं का अध्ययन करने में सहायक सिद्घ होते हैं।
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{{main|ज्वालामुखी}}
[[चित्र:Volcanic injection.svg|thumb|200px|ज्वालामुखी के विस्फोट में निकली गैसों और [[अम्लीय वर्षा]] को दिखाता चित्र]]
यह एक भौगोलिक घटना है, जिसमें पृथ्वी के भीतर का गर्म लावा, गैस, राख आदि भयंकर विस्फोट के साथ बाहर आ जाते है। इस प्रक्रिया में पृथ्वी के गर्भ से निकला लावा इतना गर्म होता है कि जो भी वस्तु इसके सम्पर्क में आ जाती है तत्काल नष्ट हो जाती हैं। इस गर्म लावे के अतिरिक्त ज्वालामुखी से निकली हुई गैस और राख भी स्थानीय पर्यावरण के लिए अत्यधिक हानिकारक होते हैं। ज्वालामुखी से निकली गैस जिसमे अनेक हानिकारक गैसें होती है जैसे [[कार्बन डाइआक्साइड]], [[सल्फर डाइआक्साइड]], [[हाइड्रो़जन सल्फाइड]] आदि और राख आसमान में छा जाते हैं। ये इतने सघन होते है कि कभी-कभी तो हफ्तों तक सूर्य की किरणें पृथ्वी तक नहीं पहुँच पातीं। तदुपरांत वर्षा होने के समय ये हानिकारक गैसें और राख पृथ्वी सतह पर आ कर व्यापक रूप से तबाही मचा देती हैं। इस प्रकार ज्वालामुखी उद्गगार के साथ ही स्थान विशेष पर हजारों वर्ग मीटर तक की सतह पर इंसान तो क्या पूरे [[जैवमण्डल]] के लिए जीने और विकसित होने के लिए कुछ समय तक अनुकूल वातावरण नहीं बन पाता। यदि किसी स्थान पर ज्वालामुखी फट पड़े तो वहाँ पर्यटकों की कमी हो सकती है। दूसरी ओर अनेक ऐसे सुप्त और जीवित ज्वालामुखी हैं जो पर्यटकों के आकर्षण का
=== भूकंप ===
{{main|भूकंप}}
यह भी एक प्रमुख विनाशकारी भौगोलिक घटना है। भूगर्भिक हलचलों के कारण पृथ्वी की ऊपरी सतह के हिलने को भूकंप कहते हैं। भूकंप प्रायः नवीन वलित पर्वत शृंखलाओं और [[प्लेट विवर्तिनिकी]] क्षेत्रों के किनारे वाले भागों में अधिक आते हैं। इस विनाशकारी भौगोलिक घटना के कारण भारी जन-धन की हानि होती है। भूकंप के कारण [[भू-स्खलन]] भी होता हैं। [[जापान]] में तो स्थानीय शासन द्वारा ऐसे स्थानों पर चेतावनी पट्टिकाएँ भी लगाई जाती हैं। एक अनुमान के अनुसार भूकंप प्रभावित क्षेत्रो में अपेक्षाकृत कम पर्यटक आते हैं।<ref>{{cite web |url= http://www.sciencedirect.com/science?_ob=ArticleURL&_udi=B6V7Y-43NT3GM-C&_user=10&_rdoc=1&_fmt=&_orig=search&_sort=d&view=c&_acct=C000050221&_version=1&_urlVersion=0&_userid=10&md5=a76eaf077d76bf587f0528dece5c2886|title= Earthquake effects on tourism in central Italy
|access-date=[[6|६ मई]] [[2008]]|format=|publisher= साइंस डायरेक्ट|language=
=== सुनामी ===
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{{main|भूमंडलीय ऊष्मीकरण}}
यह कारक उपर्युक्त भौगोलिक कारकों की भाँति न तो पूरी तरह भौगोलिक है और न ही बहुत तेजी से विध्वंस करता है, लेकिन इसका प्रभाव क्षेत्र कुछ किलोमीटर का न होकर हजारों किलोमीटर तक होता है। औद्योगीकरण व वनों के विनाश से पर्यावरण में कार्बन डाइ आक्साइड की मात्रा बढ़ती जा रही है, जिसने [[ग्रीन हाउस प्रभाव]] को जन्म दिया है। वायुमंडल में कार्बन डाइ आक्साइड की एक चादर जैसी परत बनी हैं जिसके कारण सूर्य के प्रकाश के साथ पृथ्वी पर आई इन्फ्रारेड रेडियो एक्टिव किरणें पूर्णतया वापस नहीं हो पातीं और कार्बन डाइ आक्साइड में मिल जाती हैं। इस तापीय ऊर्जा के वायुमंडल मैं कैद हो जाने से धरती के औसत तापमान में वृद्धि होती हैं, जो भूमंडलीय ऊष्मीकरण का कारण बनती है। इसका प्रभाव हिम क्षेत्रों में तेजी से पिघलती हिम के रूप में देखा जा सकता है। मौसम में तेजी से परिवर्तन हो रहे हैं और सागर तट के समीपवर्ती क्षेत्र तेजी से डूब रहे हैं। [[स्केंडिनेविया प्रायद्वीप]] के अनेक यूरोपीय देश अपने अनेक ऐसे तटों को गवाँ चुके हैं, जो पहले पर्यटको के लिए स्वर्ग हुआ करते थे।<ref>{{cite web |url= http://www.croatia.org/crown/articles/9129/1/If-the-global-warming-continues--Croatia-Will-Become-Barren-Desert.html|title= If the global warming continues ... Croatia Will Become Barren Desert
|access-date=[[6|६ मई]] [[2008]]|format=एसटीएमएल|publisher= क्रोएशिया वर्ल्ड नेटवर्क|language=
== इन्हें भी देखें ==
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# ''Raise, F : The History of Maps, General Cartography, op,cit,p. 8''
# ''Strabo: Book I, English Translation by H.L. Jones, Harward University press, 1927, pp. 1–5''
== बाहरी
* [http://tourism.gov.in/ पर्यटन मंत्रालय, भारत सरकार का आधिकारिक जाल स्थान]
* [http://www.iato.in/index.html इण्डियन एसोसिएशन ऑफ टूर आपरेटर्स का आधिकारिक जाल स्थान]
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