"रमज़ान": अवतरणों में अंतर

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==रमज़ान और कुरान का अवतरण==
मुसलमानों के विश्वास के अनुसार इस महीने की २७वीं रात [[शब-ए-क़द्र]] को क़ुरान का नुज़ूल (अवतरण) हुआ। इसी लिये, इस महीने में क़ुरान ज़्यादा पढना पुण्यकार्य माना जाता है। तरावीह की नमाज़ में महीना भर कुरान का पठन किया जाता है। जिसओर सेहर क़ुरानएक पढनाघर में आनेकुरान वालोंपढ़ते कोहैं। क़ुरानइसी सुननेतरह काइस अवकाशमहीने ज़रूरमें मिलतालाखों केेरोडो [https://rahmat989.blogspot.com/p/ramadan-2020.html कुरान] पढे जााते है। ओर अल्लाह की इसी तरह खूब उपासना होती हैं।
 
==रमज़ान और उपवास ([[सौम|रोज़ा]])==
 
==रमज़ान और उपवास ([[सौम|रोज़ा]])==
रमजान का महीना कभी 29 दिन का तो कभी ३० दिन का होता है। इस महीने में उपवास रखते हैं। उपवास को अरबी में "सौम", इसी लिये इस मास को अरबी में माह-ए-सियाम भी कहते हैं। फ़ारसी में उपवास को रोज़ा कहते हैं। भारत के मुसलिम समुदाय पर फ़ारसी प्रभाव ज़्यादा होने के कारण उपवास को फ़ारसी शब्द ही उपयोग किया जाता है। इस दिन आल्लाह कि खूब [https://rahmat989.blogspot.com/p/ramadan-2020.html इबादत] कि जाती है।
 
उपवास के दिन सूर्योदय से दो घण्टे पहले कुछ नाश्ता ओर खाना खाया जाता है। जिसे [https://rahmat989.blogspot.com/p/ramadan-2020.html सहरी] कहते हैं। दिन भर न तो कुछ खाते हैं न पीते हैं। शाम को सूर्यास्तमय के बाद रोज़ा खोला जााता है। जिसे इफ़्तारी कहते हैं। ये ताकत सब ही देता है। अल्लाह ही देता है।
 
 
( रमजान के बारे में कुछ बातें )
 
==रमज़ान और इत्यादी बातें==
मुस्लिम समुदाय में रमजान को लेकर निम्न बातें अक्सर देखी जाती हैं।