"कहानी (फ़िल्म)": अवतरणों में अंतर

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मात्र ८ करोड़ रुपये के मामूली बजट पर निर्मित कहानी की परिकल्पना घोष ने की थी, जिन्होंने [[अद्वैता काला]] के साथ फिल्म का सह-लेखन भी किया। फ़िल्म के निर्माण-दल ने कोलकाता की सड़कों पर फिल्मांकन के दौरान आम जनता के ध्यानाकर्षण से बचने के लिए गुरिल्ला-फिल्म निर्माण तकनीक का प्रयोग किया। फिल्म कोलकाता नगर के चतुराईपूर्ण चित्रण और कई स्थानीय निर्माण-दल के सदस्यों और कलाकारों के उपयोग के लिए विख्यात है। कहानी पुरुष-प्रधान भारतीय समाज में नारीवाद और मातृत्व के विषयों की पड़ताल करती है। इसके अतिरिक्त यह [[सत्यजित राय]] की कई फ़िल्मों जैसे कि [[चारुलता]] (१९६४), [[अरण्येर दिनरात्रि (१९७० फ़िल्म)|अरण्येर दिनरात्रि]] (१९७०) और [[जॉय बाबा फेलुनाथ (१९७८ फ़िल्म)|जॉय बाबा फेलुनाथ]] (१९७९) की ओर भी अनेकों संकेत करती है।
 
काहानी को ९ मार्च २०१२ को विश्व भर में जारी किया गया था। समीक्षकों ने फ़िल्म की पटकथा, इसके छायांकन और प्रमुख कलाकारों के अभिनय की प्रशंसा की। सकारत्मक समीक्षाओं और शब्द-प्रचार के कारण फिल्म ने ५० दिनों में विश्व भर में १.०४ अरब रुपये की कमाई की। फिल्म को [[कहानी द्वारा प्राप्त पुरस्कारों की सूची|कई पुरस्कार]] प्राप्त हुए, जिनमें तीन [[राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार]] और पांच [[फिल्मफेयर पुरस्कार]] शामिल हैं; बाद वाले में [[फ़िल्मफ़ेयर सर्वश्रेष्ठ निर्देशक पुरस्कार|सर्वश्रेष्ठ निर्देशक]] (घोष) और [[फ़िल्मफ़ेयर सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री पुरस्कार|सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री]] (विद्या) के पुरस्कार भी थे। [[कहानी २: दुर्गा रानी सिंह]] नामक एक उत्तरकृति २ दिसंबर २०१६ को रिलीज़ हुई।
 
==बाहरी कड़ियाँ==