"कहानी (फ़िल्म)": अवतरणों में अंतर

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== कथानक ==
[[कोलकाता मेट्रो]] के एक डिब्बे में जहरीलीविषैली गैस का हमला होने से यात्रियों में हड़कंप मच जाता है। दो वर्ष बाद एक गर्भवती सॉफ्टवेयर इंजीनियर विद्या बागची अपने लापता पति अर्णव बागची की तलाश में दुर्गा पूजा उत्सव के दौरान [[लंदन]] से [[कोलकाता]] पहुंचती है। एक पुलिस अधिकारी, सत्यकि "राणा" सिन्हा विद्या की सहायता करने की पेशकश करता है। यद्यपि विद्या का दावा है कि अर्णव नेशनल डेटा सेंटर (एनडीसी) के एक असाइनमेंट पर कोलकाता गए थे, आरम्भिक जांच में पता चलता है कि एनडीसी द्वारा इस तरह के किसी व्यक्ति को नियुक्त नहीं किया गया था।
 
एनडीसी की मानव संसाधन प्रमुख एग्नेस डी'मेलो विद्या को बताती हैं कि उनके द्वारा दिया गया उनके पति का हुलिया एनडीसी के पूर्व कर्मचारी मिलन दामजी से मिलता है, जिनकी फाइल संभवत: एनडीसी के पुराने कार्यालय में रखी गई है। इससे पहले कि एग्नेस विद्या की कोई अन्य सहायता कर सके, एक जीवन बीमा एजेंट के रूप में कार्यरत हत्यारा बॉब बिस्वास उनकी हत्या कर देता है। विद्या और राणा एनडीसी कार्यालय में घुसते हैं और बॉब के साथ एक मुठभेड़ से बचते हुए दामजी की फाइल ले लेते हैं, जो वहां उसी जानकारी की खोज में आया होता है। इस बीच, दामजी की खोज के ये प्रयास दिल्ली में [[इंटेलिजेंस ब्यूरो]] (आईबी) के दो अधिकारियों का ध्यान आकर्षित करते हैं - प्रमुख भास्करन के और उनके डिप्टी ए खान। खान कोलकाता आता है और खुलासा करता है कि दामजी रोग आईबी एजेंट था, और वह ही विषैली गैस के हमले के लिए उत्तरदायी है। खान की चेतावनियों के बावजूद विद्या अपनी खोज जारी रखती है, यह मानते हुए कि दामजी जैसा होने के कारण ही अर्णव किंचित किसी परेशानी में फंस गया होगा।
 
==बाहरी कड़ियाँ==