"सीकर जिला": अवतरणों में अंतर
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|त्रिलौकपुर्=|त्रिलौकपुरा=सालावाली}}
'''सीकर जिला''' [[भारत]] के [[राजस्थान]] प्रान्त का एक जिला है। यह जिला [[शेखावाटी]] के नाम से जाना जाता है, यह प्राकृतिक दृष्टि महत्वपूर्ण से महत्वपूर्ण है। [[सीकर]], [[श्रीमाधोपुर]], [[नीम का थाना]] , [[फतेहपुर शेखावाटी ]] जिले के सबसे बड़े शहर व तहसील है। यहां पर तरह- तरह के प्राकृतिक रंग देखने को मिलते हैं सीकर जिले को "वीरभान" ने बसाया ओर "वीरभान का बास" सीकर का पुराना नाम दिया। राजा माधोसिंह जी ने वर्तमान स्वरूप प्रदान किया ओर सीकर नाम दिया। इन्होंने छल करके "कासली" गांव के राजा से गणेश जी की मूर्ति जीती, ये मूर्ति कासली के राजा को एक़ सन्त द्वारा भेंट की गई थी, इस मूर्ति की प्राप्ति के बाद कासली गांव "अविजय" था, कई बार सीकर के राजा ने कासली को जीतने का प्रयास किया लेकिन असफल रहा, बाद में गुप्तचरों के जरिये जब इसके बारे में सूचना हासिल हुई तो आपने एक विश्वसनीय सैनिक को साधु का भेष धराकर कासली भेजा और छल से ये मूर्ति हासिल की तथा आगली सुबह कासली पर आक्रमण कर विजय हासिल की। छल से मूर्ति प्राप्त करने और विजय हासिल करने के बाद सीकर राजा ने महल के सामने गणेश जी का मंदिर भी बनवाया जो की आज भी सुभाष चोक में स्थित है। राजा ने गोपीनाथ जी का मंदिर भी बनवाया था। सीकर की रामलीला बहुत ही प्रसिद्ध है। पूरे शेखावाटी में इस रामलीला मंचन को भी राजा ने शुरू करवाया था। और अब इसे सांस्कृतिक मंडल नामक संस्था चलाती है।
==अन्य जिलों से लगते शहर व कस्बे ==
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*गनेड़ी-लक्ष्मणगढ़
*नेछवा-लक्ष्मणगढ़
==सन्दर्भ==
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