"ज़कात": अवतरणों में अंतर
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सवाब (पुण्य,नेकी) बढ़ाने के लिए अतिरिक्त नफिल नमाज़ और नफिल रोज़े (उपवास) भी होते हैं। नफिल को फ़र्ज़ और सुन्नत की तरह अनिवार्य घोषित नहीं किया गया है।<br>
==== नफिल नमाज़ ====
हदीस में नफिल नमाज़ों को घर पर पढ़ना अच्छा बताया है।
कब पढ़ते हैं?▼
▲==== कब पढ़ते हैं? ====
सुन्नी मुसलमानॉन में दैनिक पाँच नमाज़ों में से तीन में साथ साथ नफिल नमाज़ पढ़ने का रिवाज है:
* जुहर की नमाज़ में 2 रकात नफिल अंत में
* मग़रिब की नमाज़ में 2 रकात नफिल अंत में
* ईशा की नमाज़ में 4 रकात नफिल अंत में
=== नफिल नमाजों की
नमाज़ ए इशराक - सूर्योदय के बाद की नमाज़▼
सूची:
# नमाज़ ए
# नमाज़ ए
# नमाज़ ए
# नमाज़ ए
# नमाज़
# नमाज़
# नमाज़े इस्ताखारा - फैसले में मस्वरे की नमाज़
नफिल रोज़े :▼
शव्वाल के रोज़े : ईद के बाद लगातार 6 दिन▼
शबे मैराज : चन्द्र वर्ष के महीने शाबान की 15 का रोज़ा : ▼
मोहर्रम का रोज़ा : चन्द्र वर्ष के महीने मुहर्रम की 10 को▼
अय्यामे बीज़ का रोज़ा: यानी हर चन्द्र वर्ष के महीने की तेहरवीं, चौदहवीं, पन्द्रहवीं तारीखों के रोजे़ ▼
पीर के दिन और जुमेरात के दिन का रोज़ा▼
▲=== नफिल रोज़े : ===
▲* शव्वाल के रोज़े : ईद के बाद लगातार 6 दिन
▲* शबे मैराज : चन्द्र वर्ष के महीने शाबान की 15 का रोज़ा :
▲* मोहर्रम का रोज़ा : चन्द्र वर्ष के महीने मुहर्रम की 10 को
▲* अय्यामे बीज़ का रोज़ा: यानी हर चन्द्र वर्ष के महीने की तेहरवीं, चौदहवीं, पन्द्रहवीं तारीखों के रोजे़
▲* पीर के दिन और जुमेरात के दिन का रोज़ा
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