"वृन्दावन": अवतरणों में अंतर
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[[चित्र:Krishna-Balaram-Mandir.JPG|thumb|[[कृष्ण]] [[बलराम]] [[मन्दिर]] [[अंतर्राष्ट्रीय कृष्णभावनामृत संघ|इस्कॉन]] वृन्दावन]]
'''वृन्दावन''' [[मथुरा]] क्षेत्र में एक गांव है जो भगवान [[कृष्ण|श्रीकृष्ण]] की लीला से जुडा हुआ है। यह स्थान श्री कृष्ण भगवान के बाल लीलाओं का स्थान माना जाता है। यह मथुरा से १५ किमी कि दूरी पर है। यहाँ पर श्री कृष्ण और राधा रानी के मन्दिरों की विशाल संख्या है। यहाँ स्थित बांके विहारी जी का मंदिर व राधावल्लभ लाल जी का मंदिर प्राचीन है। इसके अतिरिक्त यहाँ श्री राधारमण, श्री राधा दामोदर, राधा श्याम सुंदर, गोपीनाथ, गोकुलेश, श्री कृष्ण बलराम मन्दिर
यह कृष्ण की लीलास्थली है। हरिवंश पुराण, श्रीमद्भागवत, विष्णु पुराण आदि में वृन्दावन की महिमा का वर्णन किया गया है। कालिदास ने इसका उल्लेख रघुवंश में इंदुमती-स्वयंवर के प्रसंग में शूरसेनाधिपति सुषेण का परिचय देते हुए किया है इससे कालिदास के समय में वृन्दावन के मनोहारी उद्यानों की स्थिति का ज्ञान होता है। श्रीमद्भागवत के अनुसार गोकुल से कंस के अत्याचार से बचने के लिए नंदजी कुटुंबियों और सजातीयों के साथ वृन्दावन निवास के लिए आये थे। [[विष्णु पुराण]] में इसी प्रसंग का उल्लेख है। विष्णुपुराण में अन्यत्र वृन्दावन में कृष्ण की लीलाओं का वर्णन भी है।
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== बाहरी कड़ियाँँ==
*[https://
*[http://vrindavan.brajwasi.in वृन्दावन की सम्पूर्ण जानकारी]
*[https://www.hamarivirasat.com/listing/rangji-temple/ वृन्दावन रंगजी मंदिर]
*[http://vrindavanresearchinstitute.org/Vri_org_hindi_html/index.html वृन्दावन शोध संस्थान]
[[श्रेणी:उत्तर प्रदेश के नगर]]
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