"कंचनजंघा": अवतरणों में अंतर

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== भौगोलिक स्थिति ==
यह विश्व तीसरा सबसे ऊंचा पहाड़ है। इसकी ऊंचाई 8,586 मीटर है। यह [[दार्जिलिंग]] से 74 की। मी. उत्तर -पश्चिमोत्तर में स्थित है। साथ ही यह [[सिक्किम]] व [[नेपाल]] की सीमा को छूने वाले [[भारतीय]] [[प्रदेश]] में [[हिमालय]] पर्वत श्रेणी का एक हिस्सा है। कंचनजंगा पर्वत का आकार एक विशालकाय सलीब के रूप में है, जिसकी भुजाएँ उत्तर, दक्षिण, पूर्व और पश्चिम में स्थित है। अलग-अलग खड़े शिखर अपने निकटवर्ती शिखर से चार मुख्य पर्वतीय कटकों द्वारा जुड़े हुये हैं, जिनसे होकर चार हिमनद बहते हैं - जेमु (पूर्वोत्तर), तालूंग (दक्षिण-पूर्व), यालुंग (दक्षिण-पश्चिम) और कंचनजंगा (पश्चिमोत्तर)।<ref name=Dhar2000>{{Cite journal | doi=10.1002/j.1477-8696.2000.tb04065.x|title = An appraisal of precipitation distribution around the Everest and Kanchenjunga peaks in the Himalayas| journal=Weather| volume=55| issue=7| pages=223–234|year = 2000|last1 = Dhar|first1 = O. N.| last2=Nandargi| first2=Shobha| bibcode=2000Wthr...55..223D}}</ref>
 
== पौराणिक कथाओं में ==