"कस्तूरचंद डागा": अवतरणों में अंतर

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सर सेठ कस्तूरचंद डागा, CIE, KCIE, दीवान बहादुर (1855-1917) एक व्यवसायी, जमींदार, परोपकारी, और एक अग्रणी व्यक्ति थे जिन्होंने व्यापार के हब-एंड-स्पोक मॉडल की अवधारणा रखी। वह नागपुर से थे। [1] उन्हें 1911 के दिल्ली दरबार ऑनर्स में किंग जॉर्ज पंचम द्वारा भारतीय ब्रिटिश साम्रराज्य के सबसे प्रतिष्ठित सम्मान नाइट कमांडर से सम्मानित किया गया था। [2]

कस्तूरचंद ने नागपुर से अपनी उद्यमशीलता और बैंकिंग यात्रा शुरू की और लाहौर (अब पाकिस्तान में) से यांगून (तब बर्मा) तक अपने बैंकिंग व्यवसाय का विस्तार किया, जिसमें यूरोप तक का लेन-देन हुआ।[1]

वह तत्कालीन मध्य प्रांत में नागपुर के मॉडल मिल्स, और डांग मिल्स सहित हिंगनघाट और बडनेरा (अब महाराष्ट्र) में कई कपड़ा मिलों के संस्थापक थे। उनकी कंपनी, राय बहादुर बंसीलाल अबीरचंद (आरबीबीए) कंपनी, जिनकी विभिन्न क्षेत्रों में 22 से अधिक उद्यम थे, उन समय में कई सौ करोड़ रुपये के थे।[1]

उन्होंने बैंक ऑफ़ बंगाल में एक खज़ानची के रूप में और नागपुर इलेक्ट्रिक लाइट एंड पावर कंपनी लिमिटेड के अध्यक्ष के रूप में कार्य किया।[3] 21 जनवरी, 1917 को सर कस्तूरचंद डागा का निधन हो गया।[4]

सन्दर्भ

  1. Deshpande, Vivek (December 17, 2017). "100th death anniversary: Nagpur recalls contributions of Sir Kasturchand Daga". Indian Express.
  2. You must specify issue= and startpage= when using {{London Gazette}}. Available parameters: साँचा:London Gazette/doc/parameterlist

    , 8 December 1911.
  3. The Indian Biographical Dictionary. 1995. पपृ॰ 110, 111.
  4. Arnold Wright (1920). The Bombay Presidency, the United Provinces, the Punab, Etc: Their History, People, Commerce, and Natural Resources. Foreign and Colonial Compiling and Publishing Company. पृ॰ 537.