"कस्तूरचंद डागा": अवतरणों में अंतर

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कस्तूरचंद डागा ने 3.7 लाख रुपये का दान दिया था, जिससे बीकानेर में पहली रेलवे लाइन के निर्माण की सुविधा मिली।<ref name=B/><ref>{{cite book |author1=D.K. Takne |title=The Marwari Heritage |date=2016 |isbn=9781942322061 |pages=119 |url=https://books.google.com/books?id=kXS2DAAAQBAJ&pg=PA128&dq=Kasturchand+Daga+rail&hl=en&sa=X&ved=0ahUKEwiSprCHt_7jAhXc6nMBHamTBRsQ6AEIKjAA#v=onepage&q=Kasturchand%20Daga%20rail&f=false}}</ref>
 
== सम्मान और खिताब ==
उन्होंने 1880 में बीकानेर राज्य से [[राय बहादुर]] की उपाधि प्राप्त की; 1887 में [[ब्रिटिश सरकार]] से [[राय बहादुर]]; 1903 में दीवान बहादुर।<ref name=A/>
उन्हें के.आई.एच. रजत पदक 1898 में प्राप्त हुआ।<ref name=A/>
डागा को 1909 के न्यू ईयर ऑनर्स में केम्पेनियन ऑफ़ द मोस्ट एमिनेंट आर्डर ऑफ़ द इंडियन एम्पायर से सम्मानित किया गया और फिर 1911 के दिल्ली दरबार ऑनर्स में किंग जॉर्ज पंचम द्वारा भारतीय साम्राज्य के सबसे प्रतिष्ठित सम्कामान नाइट कमांडर से सम्मानित किया गया।<ref name=C/>
==सन्दर्भ==
<references/>