"सर्वेपल्लि राधाकृष्णन": अवतरणों में अंतर

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=== राजनयिक कार्य ===
[https://www.motivationalgyan.co.in/2020/04/essay-on-dr-servapalli-radhakrishnan-in-hindi-biography-of-dr-servapalli-radhakrishnan/ सर्वपल्ली राधाकृष्णन] ने ऐसा ही किया और ठीक रात्रि 12 बजे अपने सम्बोधन को विराम दिया। पण्डित नेहरू और राधाकृष्णन के अलावा किसी अन्य को इसकी जानकारी नहीं थी। आज़ादी के बाद उनसे आग्रह किया गया कि वह मातृभूमि की सेवा के लिये विशिष्ट राजदूत के रूप में सोवियत संघ के साथ राजनयिक कार्यों की पूर्ति करें। इस प्रकार [[विजयलक्ष्मी पंडित]] का इन्हें नया उत्तराधिकारी चुना गया। पण्डित नेहरू के इस चयन पर कई व्यक्तियों ने आश्चर्य व्यक्त किया कि एक दर्शनशास्त्री को राजनयिक सेवाओं के लिए क्यों चुना गया? उन्हें यह सन्देह था कि डॉक्टर राधाकृष्णन की योग्यताएँ सौंपी गई ज़िम्मेदारी के अनुकूल नहीं हैं। लेकिन बाद में सर्वपल्ली राधाकृष्णन ने यह साबित कर दिया कि मॉस्को में नियुक्त भारतीय राजनयिकों में वे सबसे बेहतर थे। वे एक गैर परम्परावादी राजनयिक थे। जो मन्त्रणाएँ देर रात्रि होती थीं, वे उनमें रात्रि 10 बजे तक ही भाग लेते थे, क्योंकि उसके बाद उनके शयन का समय हो जाता था। जब राधाकृष्णन एक शिक्षक थे, तब भी वे नियमों के दायरों में नहीं बँधे थे। कक्षा में यह 20 मिनट देरी से आते थे और दस मिनट पूर्व ही चले जाते थे। इनका कहना था कि कक्षा में इन्हें जो व्याख्यान देना होता था, वह 20 मिनट के पर्याप्त समय में सम्पन्न हो जाता था। इसके उपरान्त भी यह विद्यार्थियों के प्रिय एवं आदरणीय शिक्षक बने रहे।
 
=== उपराष्ट्रपति ===
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{{भारत के राष्ट्रपति}}
{{भारत के उपराष्ट्रपति}}
{{भारत रत्न सम्मानित}}
{{भारत रत्न सम्मानित}}[https://www.motivationalgyan.co.in/2020/04/essay-on-dr-servapalli-radhakrishnan-in-hindi-biography-of-dr-servapalli-radhakrishnan/ डॉक्टर सर्वपल्ली राधाकृष्णन् पर निंबध]
 
[[श्रेणी:1888 में जन्मे लोग]]
[[श्रेणी:१९७५ में निधन]]