"श्रीमद्भगवद्गीता": अवतरणों में अंतर

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==[https://www.hindulive.com/bhagavad-gita/ श्रीमद्भगवद्गीता] यथारूप ==
यद्यपि भगवत गीता का व्यापक प्रकाशन और पठन होता रहा है किंतु बोलता है। यहां संस्कृत महाकाव्य महाभारत की एक उपकथा के रूप में प्राप्त है. महाभारत में वर्तमान कलियुग की घटनाओं का विवरण मिलता है। इसी युग के प्रारंभ में आज से लगभग ५००० वर्ष पूर्व भगवान श्री कृष्ण ने अपने मित्र तथा भक्त अर्जुन को भगवत गीता का उपदेश दिया था।
 
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धृतराष्ट्र तथा पांडू भाई-भाई थे, जिनका जन्म कुरु वंश में हुआ था और वह राजा भरत के वंशज थे, जिनके नाम पर ही महाभारत नाम पड़ा. क्यूंकि बड़ा भाई धृतराष्ट्र जन्म से अंधा था,  अतएव राज सिंहासन उसे न मिलकर उसके छोटे भााई पांडू को मिला.
 
पांडु की मृत्यु अल्प आयु में हो गई अतएव उनके 5 पुत्र-युधिष्ठिर भीम अर्जुन नकुल तथा सहदेव धृतराष्ट्र की देखरेख में रख दिए गए, क्योंकि उसे कुछ काल के लिए राजा बना दिया गया था. इस तरह धृतराष्ट्र तथा पांडु के पुत्र एक ही राज महल में बड़े हुए. दोनों ही को गुरु द्रोण द्वारा सैन्य कला का प्रशिक्षण दिया गया और पूजा भीष्म पितामह उनके परामर्शदाता थे.
 
== गीता के श्लोक अर्थ सहित ==