"संस्थितिविज्ञान": अवतरणों में अंतर
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मनोविज्ञान में गणित की एक शाखा टोपोलॉजी के सिद्धांत का प्रयोग अधिगम सिद्धांत विकसित करने का प्रयास किसने किया टैग: यथादृश्य संपादिका मोबाइल संपादन मोबाइल वेब संपादन |
Baniya babu (वार्ता | योगदान) ओर सोर्स जोडा टैग: 2017 स्रोत संपादन |
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[[चित्र:Mug and Torus morph.gif|300px|right|thumb|एक कप से बदललते हुए टोरस का सृजन]]
'''संस्थितिविज्ञान''' या टोपोलॉजी [[गणित]] का बड़ा क्षेत्र है। इसे [[ज्यामिति]] के विस्तार के रूप में देखा जाता है। इसमें उन गुणों का अध्ययन किया जाता है जो वस्तुओं को सतत रूप से विकृत करने पर उनमें बने रहे हैं। उदाहरण के लिये किसी चीज को बिना फाड़े या साटे हुए तानने पर आने वाली विकृतियाँ। संस्थिति का विकास [[ज्यामिति]] तथा [[समुच्चय सिद्धान्त]] से हुआ है।<ref>https://books.google.com/books?id=SHBj2oaSALoC&pg=PA204 अक्षय बरनवाल</ref>
'टोपोलॉजी' शब्द से दो चीजों का बोध होता है :
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