"नैतिक शिक्षा": अवतरणों में अंतर
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वर्तमान विश्व के विकास के प्रमुख आधार विज्ञान और प्रौद्योगिकी है। वर्तमान विश्व में न केवल ज्ञान का विस्फोट, जनसंख्या का विस्फोट, गतिपूर्ण सामाजिक परिवर्तन आदि हो रहे हैं, अपितु हमारे परिवार तथा समाज का ढांचा भी उसी गति से परिवर्तित हो रहा है। प्रचार विचार-विमर्श तथा विचार-विनियम के नवीन प्रभावी साधन विकसित हो रहे हैं। इन सभी का हमारे नैतिक मूल्यों पर प्रभाव पड़ा है। आज आवश्यकता इस बात की है कि विज्ञान-आधारित विकास को जीवन-शक्ति हमारे नैतिक एवं आध्यात्मिक आधारों से प्राप्त है।
◆किताब -सदाचार अर्थात नैतिक मूल्यांचे शिक्षण डाँ.रघुनाथ केंगार
दादासाहेब यादव
==नैतिक शिक्षा की अवधारणा ==
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