"इन्दिरा गांधी": अवतरणों में अंतर

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=== ओपरेशन ब्लू स्टार और हत्या ===
{{मुख्य|ऑपरेशन ब्लू स्टार|इंदिरा गांधी की हत्या}}
 
गांधी के बाद के वर्ष [[पंजाब (भारत)|पंजाब]] समस्याओं से जर्जर थे। सितम्बर 1981 में [[जरनैल सिंह भिंडरावाले]] का [[अलगाववाद]]ी सिख आतंकवादी समूह सिख धर्म के पवित्रतम तीर्थ, [[हरिमन्दिर साहिब]] परिसर के भीतर तैनात हो गया। स्वर्ण मंदिर परिसर में हजारों नागरिकों की उपस्थिति के बावजूद गांधी ने आतंकवादियों का सफया करने के एक प्रयास में सेना को धर्मस्थल में प्रवेश करने का आदेश दिया। सैन्य और नागरिक हताहतों की संख्या के हिसाब में भिन्नता है। सरकारी अनुमान है चार अधिकारियों सहित उनासी सैनिक और 492 आतंकवादी; अन्य हिसाब के अनुसार, संभवत 500 या अधिक सैनिक एवं अनेक तीर्थयात्रियों सहित 3000 अन्य लोग गोलीबारी में फंसे.<ref>रामचंद्र गुहा''गाँधी के बाद भारत ''पन्ना 563</ref> जबकि सटीक नागरिक हताहतों की संख्या से संबंधित आंकडे विवादित रहे हैं, इस हमले के लिए समय एवं तरीके का निर्वाचन भी विवादास्पद हैं।
इन्दिरा गांधी के बहुसंख्यक अंगरक्षकों में से दो थे [[सतवंत सिंह]] और [[बेअन्त सिंह]], दोनों सिख.[[३१ अक्टूबर]] [[१९८४|1984]] को वे अपनी सेवा हथियारों के द्वारा 1, सफदरजंग रोड, नई दिल्ली में स्थित प्रधानमंत्री निवास के बगीचे में इंदिरा गांधी की राजनैतिक हत्या की। <ref name="ibn">http://khabar.ibnlive.in.com/news/115182/12/4 जब हिल उठा देशः इंदिरा गांधी की हत्या</ref> वो [[ग्रेट ब्रिटेन|ब्रिटिश]] अभिनेता [[पीटर उस्तीनोव]] को आयरिश टेलीविजन के लिए एक वृत्तचित्र फिल्माने के दौरान साक्षात्कार देने के लिए सतवंत और बेअन्त द्वारा प्रहरारत एक छोटा गेट पार करते हुए आगे बढ़ी थीं। इस घटना के तत्काल बाद, उपलब्ध सूचना के अनुसार, बेअंत सिंह ने अपने बगलवाले शस्त्र का उपयोग कर उनपर तीन बार गोली चलाई और सतवंत सिंह एक स्टेन कारबाईन का उपयोग कर उनपर बाईस चक्कर गोली दागे. उनके अन्य अंगरक्षकों द्वारा बेअंत सिंह को गोली मार दी गई और सतवंत सिंह को गोली मारकर [[गिरफ़्तारी|गिरफ्तार]] कर लिया गया।