"इंदिरा गांधी की हत्या": अवतरणों में अंतर
Content deleted Content added
पंक्ति 17:
===इंदिरा गाँधी की निंदा और विरोध===
ऑपरेशन ब्लूस्टार में अपनी भूमिका के कारण [[इंदिरा गांधी]], जिसने अकाल तख्त के कुछ हिस्सों को नुकसान पहुंचाया था और हताहतों की संख्या हुई थी, सिखों के बीच अत्यंत अलोकप्रिय हो गयीं। [[स्वर्ण मंदिर]] परिसर में जूतों के साथ सेना के जवानों के कथित प्रवेश और मंदिर के पुस्तकालय में सिख धर्मग्रंथों और पांडुलिपियों के कथित रूप से नष्ट होने के कारण सिख संवेदनाएं आहत हुईं थीं। इस तरह की कार्रवाइयों से सरकार के प्रति अविश्वास का माहौल पैदा होने लगा। स्वर्ण मंदिर पर हमला करने को बहुत से सिक्खों ने अपने धर्म पर हमला करने के समान माना एवं कई प्रमुख सिखों ने या तो अपने पदों से इस्तीफ़ा दे दिया या फिर विरोध में सरकार द्वारा दिए गए सम्मान लौटा दिए। इस कार्रवाही की अनुमति देने के लिए तत्कालीन [[
ऑपरेशन ब्लूस्टार के बाद प्रधानमंत्री गांधी के जीवन पर खतरे की धारणा बढ़ गई थी। तदनुसार, हत्या-प्रयास के डर से [[आसूचना ब्यूरो]] द्वारा सिखों को उसके निजी अंगरक्षक टुकड़ी से हटा दिया गया था। हालाँकि, गांधी की राय थी कि इससे उनकी सिख विरोधी छवि जनता के बीच मजबूत होगी और उनके राजनीतिक विरोधियों को मजबूती मिलेगी। अतः उन्होंने [[विशेष सुरक्षा दल]] को अपने सिख अंगरक्षकों को फिर से बहाल करने का आदेश दिया, जिसमें बेअंत सिंह भी शामिल थे।<ref name="dnaindia_tryst">{{cite web|url=http://www.dnaindia.com/india/report-operation-blue-star-india-s-first-tryst-with-militant-extremism-2270293|title=Operation Blue Star: India's first tryst with militant extremism - Latest News & Updates at Daily News & Analysis|date=5 November 2016|website=Dnaindia.com|accessdate=29 October 2017|archive-url=https://web.archive.org/web/20171103012225/http://www.dnaindia.com/india/report-operation-blue-star-india-s-first-tryst-with-militant-extremism-2270293|archive-date=3 November 2017|url-status=live|df=dmy-all}}</ref>
|