"भारत सरकार अधिनियम १८५८": अवतरणों में अंतर
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==बिल के प्रावधान==
# भारत में कंपनी के क्षेत्रों को ब्रिटैन राजशाही में निहित किया जाना था, कंपनी
# कंपनी के निदेशक मंडल
# भारत के राज्य सचिव को परिषद के परामर्श के बिना सीधे भारत में कुछ गुप्त प्रेषण भेजने का अधिकार था। वह अपनी परिषद की विशेष समितियों का गठन करने के लिए भी अधिकृत
# भारत के गवर्नर जनरल का नाम "वायसराय" (राजशाही का प्रतिनिधि) कर दिया गया तथा वह भारत सचिव की आज्ञा के अनुसार कार्य करने के लिए बाध्य
#महारानी को वाका आयोजन इसरॉय की नियुक्ति का अधिकारआ |
# राजशाही को "वायसराय", जिसका अर्थ था-सम्राट का प्रतिनिधि, और प्रेसीडेंसी के राज्यपालों को नियुक्त करने का अधिकार दिया गया था।▼
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# एक भारतीय सिविल सेवा राज्य सचिव के नियंत्रण में बनाई जानी थी।
# भारत के राज्य सचिव की मदद के लिए 15 सदस्य वाली एक परिषद् का निर्माण किया गया जिसको की भारतीय परिषद् कहा गया |
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