"मैनपुरी": अवतरणों में अंतर

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'''मैनपुरी''' [[भारत]] में [[उत्तर प्रदेश]] के [[आगरा]] मण्डल का एक प्रमुख शहर एवं [[लोक सभा|लोकसभा]] क्षेत्र है। किलों के लिए प्रसिद्ध मैनपुरी [[उत्तर प्रदेश]] राज्य का एक जिला है। अकबर औछा, अम्बरपुर वेटलैंड, समान वन्यजीव अभ्यारण, बर्नहाल और करीमगंज आदि यहां के प्रमुख स्थलों में से है। ऐतिहासिक दृष्टि से भी यह स्थान काफी महत्वपूर्ण माना जाता है। यह जिला इत: जिले के उत्तर, फरूखाबाद एवं कन्नौज जिले के पूर्व, इटावा जिले के दक्षिण और फिरोजाबाद जिले के पश्चिम से घिरा हुआ है। मैनपुरी जिले का इतिहास प्रागैतिहासिक काल से ही है। मैनपुरी जिला पर चौहान शासको ने राज्य किया है। तथा चौहान शासको द्वारा मैनपुरी में किला , मंदिरो आदि का निर्माण कराया गया।मैनपुरी और उसके आस-पास की जगह पर कन्नौज के शासकवंश का शासन था। 1526 के दौरान यहां पर मुगल शासक बाबर, अठाहरवीं शताब्दी में मराठों और फिर अवध के नवाब वजीर ने शासन किया था। अंत में 1801 ई. में यहां ब्रिटिश शासकों ने शासन किया। मैनपुरी जिला कृषि उत्पादों का प्रमुख व्यावसायिक केन्द्र है।
कई दशक से समाजवादी पार्टी (SP) के संस्थापक मुलायम सिंह यादव का गढ़ मानी जाने वाली उत्तर प्रदेश की मैनपुरी लोकसभा सीट पर BJP ने इस बार, यानी लोकसभा चुनाव 2019 के लिए, प्रेमसिंह शाक्य पर दांव लगाया है, और उनका मुकाबला बेहद कड़ा इसलिए होने वाला है, क्योंकि बहुजन समाज पार्टी (BSP) ने न सिर्फ गठबंधन के चलते यहां से कोई प्रत्याशी खड़ा नहीं किया है, बल्कि BSP की मुखिया मायावती खुद मुलायम सिंह यादव के लिए वोट मांगने यहां आईं. मुलायम सिंह यादव सबसे पहले इसी सीट के अंतर्गत आने वाली जसवंतनगर विधानसभा सीट से विधायक बने थे, और 1996 में लोकसभा में भी पहली बार वह मैनपुरी का ही प्रतिनिधित्व करने पहुंचे थे.
 
इस सीट पर सबसे पहले 1957 के आम चुनाव में PSP के टिकट पर बंसीदास धांगर ने जीत हासिल की थी. 1962 में कांग्रेस के बादशाह गुप्ता, और फिर 1967 व 1971 में कांग्रेस के ही महाराज सिंह चुने गए. 1977 और 1980 में रघुनाथ सिंह वर्मा ने क्रमशः BLD और जनता पार्टी प्रत्याशी के रूप में जीत दर्ज की. 1984 में कांग्रेस के बलराम सिंह यादव जीते, लेकिन 1989 और 1991 में जनता दल के उदय प्रताप सिंह ने यहां जीत हासिल की. इसके बाद 1996 में मुलायम सिंह यादव समाजवादी पार्टी (SP) के टिकट पर यहां से जीते. 1998 और 1999 में SP के टिकट पर बलराम सिंह यादव यहां से जीते. 2004 और 2009 में मुलायम सिंह यादव यहां लौटे और जीत हासिल की. इस सीट के अंतर्गत विधानसभा की 5 सींटें आती हैं, जिनमें करहल, मैनपुरी, भोगांव, जसवंतनगर व किशनी शामिल हैं
 
=== अकबरपुर औछा===