"रविदास": अवतरणों में अंतर

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छो Highly objectionable and Against Brahman races.
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रैदास मनुष ना जुड़ सके जब तक जाति न जात।।
* मन चंगा तो कठौती में गंगा ||
*तुम कहियत हो जगत गुर स्वामी।।हम कहियत हैं कलयुग के कामी।।कामी।
* रविदास बामन के गुण तीन मन हरे, धन हरे, मति ले जाए शीन।।
*मन ही पूजा मन ही धूप ,मन ही सेऊँ सहज सरूप।सरूप
*तुम कहियत हो जगत गुर स्वामी।।हम कहियत हैं कलयुग के कामी।।
*बाभन कहत वेद के जाये, पढ़त लिखत कछु समुझ न आवत ।
*मन ही पूजा मन ही धूप ,मन ही सेऊँ सहज सरूप।
* रविदास बामन मत पूजिए जो होवे गुणहीन पूजिए चरण चंडाल के जो होवे गुण प्रवीण।
 
== बाहरी कड़ियाँ ==