"मुरुद जंजीरा किला": अवतरणों में अंतर

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[[चित्र:Janjira_Fort_bastions_3.jpg|thumb|मुरुद-जंजीरा]]
[https://www.newblogger.in/2020/04/murud-janjira-fort.html मुरुद-जंजीरा] [[भारत]] के [[महाराष्ट्र]] राज्य के [[रायगढ़ जिला, महाराष्ट्र|रायगड]] जिले के तटीय गाँव [[मुरुद जंजीरा|मुरुड]] में स्थित एक [[किला]] हैं। जंजिरा किला पर्यटन के लिए काफी प्रसिद्ध है। यह भारत के पश्चिमी तट का एक मात्र किला हैं, जो की कभी भी जीता नही
जा सका था। यह किला 350 वर्ष पुराना है। स्‍थानीय लोग इसे अजेय किला कहते हैं, जिसका शाब्दिक अर्थ अजेय होता है। माना जाता है कि यह किला पंच पीर पंजातन शाह बांडया बाबा के संरक्षण में है। शाह बाबा का मकबरा भी इसी किले में है। यह किला समुद्र तल से 90 फीट ऊंचा है। इसकी नींव 20 फीट गहरी है। यह किला सिद्दी जौहर द्वारा बनवाया गया था। इस किले का निर्माण 22 वर्षों में हुआ था। यह किला 22 एकड़ में फैला हुआ है। इसमें 22 सुरक्षा चौकियां है। ब्रिटिश, पुर्तगाली, [https://www.newblogger.in/2020/02/Shivaji-maharaj.html शिवाजी महाराज] , कान्‍होजी आंग्रे, चिम्‍माजी अप्‍पा तथा संभाजी महाराजने इस किले को जीतने का काफी प्रयास किया था, लेकिन कोई सफल नहीं हो सका। इस किले में सिद्दिकी शासकों की कई तोपें अभी भी रखी हुई हैं।
 
जंजीरा का किला जाने के लिए ऑटोरिक्‍शा से मुरुड से राजपुरी जाना होता है। यहां से नाव द्वारा जंजीरा का किला जाया जा सकता है। एक व्‍यक्‍ित का नाव का किराया 20 रु. है।
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जंजिरे की तटबंदी से विस्तृत प्रदेश दिखता है। इसमें समुद्र में बांधा कासा उर्फ पद्मदुर्ग और किनारे पर सामराजगड यह भी यहॉ से येथून दिखता है। ३३० वर्ष अभेद्य और अंजिक्य रहा जंजिरे का मेहरुब देखने का इतिहास के अनेक पर्व का आलेख सबकी नजर के सामने से जाता है। थोडा इतिहास का अभ्यास किया तो जंजिरे को भेट देना निश्चित रूप से संस्मरणीय रहेगा।
 
ऐसा हा अजेय जंजिरा, २० सिद्दी सत्ताधीश के बाद आए सिद्दी मुहमंदखान यह आखरी सिद्दी थे, और उस राज्य की स्थापना के बाद ३३० वर्ष बाद मतलब ३ एप्रिल १९४८ को वो राज्य भारतीय संघराज्य में विलीन हुआ।
 
हे सुद्धा पहा