"वचनामृत": अवतरणों में अंतर

मनुष्यत्व
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सत्पुरुष वो है जो स्वम को स्वम मे ढूंढे, और परमेश्वर को स्व सतकर्म मे ढूंढे {{तिरछा शीर्षक}}
'''''वचनामृत''''' [[स्वामीनारायण सम्प्रदाय]] का एक मूल ग्रंथ है।<ref name="हिन्दुस्तान">{{cite news
| url = http://www.livehindustan.com/news/videsh/dharamchatra/article1-story-2-69-165749.html