"धातु (संस्कृत के क्रिया शब्द)": अवतरणों में अंतर

छोNo edit summary
टैग: यथादृश्य संपादिका मोबाइल संपादन मोबाइल वेब संपादन
No edit summary
टैग: मोबाइल संपादन मोबाइल वेब संपादन
पंक्ति 1:
[[File:Dhatu Roop.jpg|thumb|संस्कृत में धातु रूप]]
[[संस्कृत व्याकरण]] में क्रियाओं (verbs) के मूल रूप को '''धातु''' कहते हैं। धातु ही [[संस्कृत]] शब्दों के निर्माण के लिए मूल तत्त्व (कच्चा माल) है। इनकी संख्या लगभग 2012 है। धातुओं के साथ [[उपसर्ग]], [[प्रत्यय]] मिलकर तथा [[समास|सामासिक क्रियाओं]] के द्वारा सभी शब्द ([[संज्ञा]], [[सर्वनाम]], [[क्रिया]] आदि) बनतेबनhelloते हैं। दूसरे शब्द में कहें तो संस्कृत का लगभग हर शब्द अन्ततः धातुओं के रूप में तोड़ा जा सकता है। कृ, भू, स्था, अन्, ज्ञा, युज्, गम्, मन्, जन्, दृश् आदि कुछ प्रमुख धातुएँ हैं।
 
'धातु' शब्द स्वयं 'धा' में 'तिन्' प्रत्यय जोड़ने से बना है। रूच धातु कहां है।