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कुंँवर विकास सिंह   

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बचपन से ही अपने कुशल नेतृत्व क्षमता के कारण एक अच्छे वक्ता और संघर्षशील शिक्षक के रूप में जाने जाते है।
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          कृषक परिवार में जन्मे कुंवर विकास सिंह बाल्यकाल से ही राजनैतिक व सामाजिक कार्यो में प्रतिभाग किए। वर्तमान समय में भारतीय रेलवे में कार्यरत हैं।
 
 
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        मूलतः उत्तर प्रदेश के अमेठी जनपद के निवानिवासी  शिक्षा ______  सुबिधा सम्पन्न क्षेत्र होने के कारण प्राथमिक से स्नातक तक की शिक्षा ग्रामीणांचल से तहसील मुख्यालय तक के सरकारी व अर्धसरकारी विद्यालयों में हुई। बचपन से ही इन्हें गणित विषय पढ़ने की अत्यंत रूचि होने की कारण आज भी गणित पढ़ाना भी जारी रखा है
 
            सामाजिक जीवन
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          बचपन से ही अपने नेतृत्व क्षमता का जलवा बिखेरने वाले कुँवर विकास सिंह को  किताब पढ़ने , महापुरुषों के बारे में  अध्ययन  करने  का शौक है, ये  शिक्षा अध्ययन  के दौरान भाषण, काव्य- पाठ में प्रतिभाग करते रहे । वर्तमान समय में लखनऊ जनपद के पीजीआई क्षेत्र में दो कोचिंग संस्थानों का संचालन किया जा रहा है जहां पर गरीब बच्चों को निशुल्क एवं लाभप्रद शिक्षा दी जाती है
 
          राजशाही तन्त्र से सम्बन्ध
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          कुँवर विकास सिंह अग्निवंश वत्सगोत्र चौहान (चाहवान)राजपूत है ,ये अंतिम हिन्दू सम्राट पृथ्वीराज चौहान के चाचा साम्भर नरेश कान्हराय के वंशज है, जनपद अमेठी का वर्तमान परगना आसल इनके पूर्वज महाराज आशलदेव की रियासत रही जँहा इनका मूल निवास भी है।
 
इनके पूर्वजो का इतिहास सुल्तानपुर जनपद के दियरा रियासत, हसनपुर रियासत,व रजवाड़ क्षत्रियों के गाराब कुड़वार रियासत के जागीरदारों व क्षत्रियों से मिलती है, यह सभी रियासते राजा बरियारशाह के वंशजो की रही जो राजा आशलदेव के पिता श्री थे।