"अनुलोम-विलोम प्राणायाम": अवतरणों में अंतर

अनुलोम-विलोम हिमोगोविन को नियत रखता है जिसके कारण इंसान के हाथ तथा पैर के जोड़ो मे हो रहा दर्द असहनीय है तो अनुलोम-विलोम के नियमित करने से काफी राहत मिलती है
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अनुलोम का अर्थ होता है सीधा और विलोम का अर्थ है उल्टा। यहां पर सीधा का अर्थ है नासिका या नाक का दाहिना छिद्र और उल्टा का अर्थ है-नाक का बायां छिद्र। अर्थात '''[https://www.optimisticlifestyle.in/2020/04/anulom-vilom-ke-fayde.html अनुलोम-विलोम प्राणायाम]''' में नाक के दाएं छिद्र से सांस खींचते हैं, तो बायीं नाक के छिद्र से सांस बाहर निकालते है। इसी तरह यदि नाक के बाएं छिद्र से सांस खींचते है, तो नाक के दाहिने छिद्र से सांस को बाहर निकालते है। अनुलोम-विलोम प्राणायाम को कुछ योगीगण 'नाड़ी शोधक प्राणायाम' भी कहते है। उनके अनुसार इसके नियमित अभ्यास से शरीर की समस्त नाड़ियों का शोधन होता है यानी वे स्वच्छ व निरोग बनी रहती है। इस प्राणायाम के अभ्यासी को वृद्धावस्था में भी गठिया, जोड़ों का दर्द व सूजन आदि शिकायतें नहीं होतीं।
 
== विधि ==
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* तनाव और चिंता को कम करता है।
* पूरे शरीर में शुद्ध ऑक्सीजन की आपूर्ति बढ़ाता है।
* हिमोगोविन का मात्रा अगर किसी इंसान के शरीर में हिमोगोविन की मात्रा की कमी हो तो [https://www.optimisticlifestyle.in/2020/04/anulom-vilom-ke-fayde.html अनुलोम-विलोम] एक रामबाण इलाज साबित होता है
 
== सावधानियां ==