"कालिदास (फ़िल्म)": अवतरणों में अंतर

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== संक्षेप ==
विद्याधारी तेरवटी के राजा विजयवर्मन की पुत्री है। राज्य का मंत्री चाहता है कि राजकुमारी उसके बेटे से विवाह कर ले, लेकिन वह मना कर देती है। इससे परेशान होकर मंत्री विद्याधारी के लिए एक वर ढूंढने की ठान लेता है। एक जंगल में, मंत्री एक पेड़ पर चढ़े एक अनपढ़ चरवाहे को देखता है, जो पेड़ की उसी शाखा को काट रहा होता है, जिस पर वह बैठा हुआ होता है। मंत्री उस चरवाहे को राजमहल में आने के लिए राजी करता है और विद्याधारी का विवाह उससे करवा देता है। जब विद्याधरी को पता चलता है कि उसे धोखा दिया गया है, और उसका विवाह एक चरवाहे से करवा दिया गया है, तो वह इस समस्या से निदान पाने के लिए [[काली|देवी काली]] की पूजा करती है। काली उसके सामने प्रकट होती हैं, और उसके पति को अभूतपूर्व साहित्यिक प्रतिभाओं से संपन्न करते हुए उसे [[कालिदास]] नाम देती हैं।{{sfn|Baskaran|1996|pp=88–89}}
 
== पात्र ==