"नौसैनिक तोपखाना": अवतरणों में अंतर
Content deleted Content added
अनुनाद सिंह (वार्ता | योगदान) |
अनुनाद सिंह (वार्ता | योगदान) No edit summary |
||
पंक्ति 3:
'''नौसैनिक तोपखाना''' (Naval artillery) वह [[तोपखाना]] है जो [[युद्धपोत|युद्धपोतों]] पर लगा होता है। पहले इसका उपयोग केवल [[नौसैनिक युद्ध]] में किया जाता था किन्तु बाद में समुद्रतट पर बमबारी करने के लिए तथा वायुयानों को मार-गिराने के लिए भी किया जाने लगा। नौसैनिक तोपखाने के अन्तर्गत प्रायः नालों से छोड़े गए प्रक्षेपात्रो को सम्मिलित किया जाता है जबकि [[टॉरपीडो]], [[रॉकेट]] और मिसाइल आदि इसके अन्तर्गत नहीं आते। परम्परागत नाविक तोपंदाजी अपने उत्कर्ष पर पहुँच चुकी हैं और अब हम नियंत्रित अस्त्र-शस्त्र (guided missiles) के युग में प्रवेश कर चुके हैं।
जब से [[तोप]] का आविष्कार हुआ और समुद्री तल पर उसका उपयोग करना सम्भव हो गया तभी से [[युद्ध]] के लिए जहाजों पर तोप का प्रयोग किया जाने लगा। प्रारम्भिक समुद्री युद्ध में तोप के प्रयोग से शत्रु को डराकर खदेड़ना, शत्रु कार्मिकों को क्षतिग्रस्त करना, या जहाज रोककर लूटना और उसे नष्ट करना होता था। बाद में गोले की घातक शक्ति के बढ़ने पर तोप की प्रक्षेप दूरी या परास भी बढ़ा और आजकल तो पचासों
==आधुनिक तोप और उसके आरोपण का क्रमविकास ==
आज से सदियों पहले भरण तोप और उच्च विस्फोट गोलों की कल्पना और उपयोग हो चुका था,
अधिक मजबूत तोपों के आगमन से भारी नोदक प्रभार का प्रयोग
नौसेना में प्रयुक्त होनेवाली तोपें तीन प्रकार की होती हैं, भारी, मध्यम और हलकी। भारी तोपें वे है जिनका व्यास (calibre) ६ इंच या इससे अधिक होता है। इनका प्रयोग तललक्ष्य तथा समुद्रतट पर बमबारी के लिए होता है। विशाल रणपोतों के ये ही प्रमुख अस्त्रशस्त्र होते हैं। मध्यम तोपों
तोप के गोला बारूद में प्रक्षेप्य या गोला (उच्च विस्फोटक जैसे [[टी.एन.टी.]]) और [[कॉर्डाइट]] होता है, जो तोप से प्रक्षेप्य को फायर करता है। प्रक्षेप्य और भरण का भार तोप के आकार पर निर्भर करता है। गोलाबारूद विस्फोटक होता है। अत: रणपोत के निचले भाग में स्थित कवचरक्षित बारूदधर (मैगजिन) में यह शत्रुओं की गोलाबारी से सुरक्षित रखा जाता है। बारूधर से गोला बारूद को तोपों में पहुँचाने के लिए उत्थापक (hoist) रहता है।
|