"श्रीमद्भगवद्गीता": अवतरणों में अंतर

कृपया धूर्त न लिखा जाए, इसका अर्थ कुछ दूसरा और गलत है।
टैग: मोबाइल संपादन मोबाइल वेब संपादन
टैग: मोबाइल संपादन मोबाइल वेब संपादन
पंक्ति 24:
यद्यपि भगवत गीता का व्यापक प्रकाशन और पठन होता रहा है किंतु बोलता है। यहां संस्कृत महाकाव्य महाभारत की एक उपकथा के रूप में प्राप्त है. महाभारत में वर्तमान कलियुग की घटनाओं का विवरण मिलता है। इसी युग के प्रारंभ में आज से लगभग ५००० वर्ष पूर्व भगवान श्री कृष्ण ने अपने मित्र तथा भक्त अर्जुन को भगवत गीता का उपदेश दिया था।
 
उनकी यह वार्ता जो मानव इतिहास की सबसे महान दार्शनिक तथा धार्मिक वार्ताओं में से एक है, उस महायुद्ध के शुभारंभ के पूर्व हुई, जो धृतराष्ट्र के सौ पुत्रों तथा उनके चचेरेममेरे भाई पांडवों या पांडु के पुत्रों के मध्य होने वाला भ्रातृघातक संघर्ष था।
 
धृतराष्ट्र तथा पांडू भाई-भाई थे, जिनका जन्म कुरु वंश में हुआ था और वह राजा भरत के वंशज थे, जिनके नाम पर ही महाभारत नाम पड़ा. क्यूंकि बड़ा भाई धृतराष्ट्र जन्म से अंधा था,  अतएव राज सिंहासन उसे न मिलकर उसके छोटे भााई पांडू को मिला.