"वराह मिहिर": अवतरणों में अंतर

टैग: मोबाइल संपादन मोबाइल वेब संपादन
टैग: मोबाइल संपादन मोबाइल वेब संपादन
पंक्ति 4:
 
== जीवनी ==
वराहमिहिर का जन्म सन् ४९९ में एक निषादब्राह्मण परिवार में हुआ। यह परिवार [[उज्जैन]] में शिप्रा नदी के निकट कपित्थ(कायथा) नामक गांव का निवासी था। उनके पिता आदित्यदास निषाद सूर्य भगवान के भक्त थे। उन्हीं ने मिहिर को ज्योतिष विद्या सिखाई। कुसुमपुर ([[पटना]]) जाने पर युवा मिहिर महान खगोलज्ञ और गणितज्ञ [[आर्यभट्ट]] से मिले। इससे उसे इतनी प्रेरणा मिली कि उसने ज्योतिष विद्या और खगोल ज्ञान को ही अपने जीवन का ध्येय बना लिया। उस समय उज्जैन विद्या का केंद्र था। [[गुप्त काल|गुप्त शासन]] के अन्तर्गत वहां पर कला, विज्ञान और संस्कृति के अनेक केंद्र पनप रहे थे। वराह मिहिर इस शहर में रहने के लिये आ गये क्योंकि अन्य स्थानों के विद्वान भी यहां एकत्र होते रहते थे। समय आने पर उनके ज्योतिष ज्ञान का पता विक्रमादित्य [[चन्द्रगुप्त द्वितीय]] को लगा। राजा ने उन्हें अपने दरबार के नवरत्नों में शामिल कर लिया। मिहिर ने सुदूर देशों की यात्रा की, यहां तक कि वह [[यूनान]] तक भी गये। सन् ५८७ में महान गणितज्ञ वराहमिहिर की मृत्यु हो गई।
 
== कृतियाँ ==