"दिनचर्या (आयुर्वेद)": अवतरणों में अंतर

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==स्नान==
स्नान दैनिक स्वास्थ्य के लिए अत्यावश्यक है। स्नान से शरीर की सभी प्रकार की अशुद्धियां दूर होती है। इससे गहरी नींद आती है। शरीर से अतिरिक्त ऊष्मा, दुर्गन्ध, पसीना, खुजली , प्यास को दूर करता है। शरीर की समस्त ज्ञानेन्द्रियों को सक्रिय करता है। रक्त का शोधन होता हैं, भूख बढ़ती है।
 
स्नान करते समय [https://e-gyan2020.blogspot.com/2020/05/nahane-ke-niyam.html नहाने के नियम] की पालना करना आवश्यक होता है अन्यथा शरीर को कुछ विकारों का सामना करना पड़ सकता है।कुछ सामान्य बातें जैसे गरम पेय पीने , एक्सरसाइज करने, भोजन करने, नींद से जागने के तुरंत बाद, बाहर से आने के तुरंत बाद,कभी स्नान नहीं करना चाहिए अपितु एक से बाद
 
स्नान करना चाहिए क्योंकि इन क्रियाओं के तुरंत बाद नहाने से शरीर का वात पित्त और कफ का संतुलन बिगड़ने से कुछ दोष शरीर में स्थाई रूप से उत्पन्न हो सकते है।
 
==निर्मल वस्त्र धारण==