"मानव का पाचक तंत्र": अवतरणों में अंतर

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=== अग्न्याशय पाचन (Pancreatic 0Digestion) ===
पाचन से अग्न्याशय (pancreas) और यकृत इन दो बड़ी ग्रंथियों का बहुत संबंध है। अग्न्याशय में अग्न्याशय रस बनताब990नता है। यह बहुत ही प्रबल पाचकpपा0iचक रस है, जिसकी क्रियाक्रि8या प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेटlp0कार्बोहाइड्रेट तथा वसा तीनों घटकों पर होतीp0pहोती है। इसका निर्माण अग्न्याशय ग्रंथि की कोशिकाओं द्वारा होता है और सारे अग्न्याशय से एकत्र होकर यह रस एक वाहिनी द्वारा ग्रहणी में पहुँचता है। पिताशय से पित्त को लानेवाली वाहिनी इस अग्न्याशयवाहिनी से मिलकर सामान्य पित्तवाहिनी (bile duct) बन जाती है। उसी के मुख द्वारा अग्न्याशय और पित्त, दोनों रस, ग्रहणी में पहुँचते रहते हैं।
 
अग्न्याशयी ग्रंथि उदर में बाईं ओर आमाशय के पीछे स्थित है। इसका बड़ा सिर ग्रहणी के मोड़ में रहता है और उसकी पूँछ बाईं ओर प्लीहा तक चली गई है। इसका रंग कुछ मटमैला भूरा सा होता है। इसके सूक्ष्म भाग शहतूत के दानों के समान उठे हुए दिखाई पड़ते हैं।