"शान्तनु": अवतरणों में अंतर
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|spouse = गंगा, सत्यवती
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शांतनु [[महाभारत]] के एक प्रमुख पात्र हैं। वे [[हस्तिनापुर]] के महाराज प्रतीप के पुत्र थे। उनका विवाह [[गंगा देवी|गंगा]] से हुआ था। देवी गंगा ने इनके 7 पुत्रो को जन्म लेते ही अपने जल मे बहा दिया क्यों की वो श्राप से ग्रसित थे इस घटना से आहत हो कर इन्होंने गंगा को दिया वचन तोड़ दिया जिससे गंगा इन्हे छोड़ गयी जिससे उनका [[भीष्म|देवव्रत]] नाम का पुत्र हुआ। यही देवव्रत आगे चलकर महाभारत के प्रमुख पात्र [[भीष्म]] के नाम से जाने गए। शान्तनु का दूसरा विवाह निषाद कन्या [[सत्यवती]] से हुआ था। इस विवाह को कराने के लिए ही देवव्रत ने राजगद्दी पर न बैठने और आजीवन कुँवारा रहने की भीष्म प्रतिज्ञा की थी,इसी प्रतिज्ञा के कारण शांतनु
ने इन्हे इच्छा मृत्यु का वरदान दिया जिसके कारण उनका नाम भीष्म पड़ा। सत्यवती के [[चित्रांगद]] और [[विचित्रवीर्य]] नामक दो पुत्र थे। [[श्रेणी:महाभारत के पात्र]]
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