"ज़ीरो (2018 फ़िल्म)": अवतरणों में अंतर

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==बाहरी कड़ियाँ==
== दुनिया में कब किसी से संभलती है जिंदगी ==
 
== मुट्ठी की रेत जैसी फ़िसलती है जिंदगी ।। ==
 
== लगता है बढ़ रही है, है ऐसा नहीं मग़र ==
 
== हर लम्हा ईक शमाँ सी पिघलती है जिंदगी।। ==
 
== रोटी, मकान, कपड़ा और कुछ आन-बान हो ==
 
== इस भाग-दौड़ में ही निकलती है जिंदगी।। ==
 
== रहती है हर घड़ी, ये मोहताज़ वक़्त की ==
 
== अपने हिसाब से कहां चलती है जिंदगी।। ==
 
== चाहे नसीब इसको सिकंदर ही बना दे ==
 
== कितना ही ज़र मिले पर मचलती है जिंदगी।। ==
 
== छू आए चाहे जा-कर ये ख़ुद आसमान को ==
 
== सोती है क़ब्र में या फ़िर जलती है जिंदगी।। ==
 
== इक़बाल मेंहदी काज़मी ==
दुनिया में कब किसी से संभलती है जिंदगी
 
मुट्ठी की रेत जैसी फ़िसलती है जिंदगी ।।
 
लगता है बढ़ रही है, है ऐसा नहीं मग़र
 
हर लम्हा ईक शमाँ सी पिघलती है जिंदगी।।
 
रोटी, मकान, कपड़ा और कुछ आन-बान हो
 
इस भाग-दौड़ में ही निकलती है जिंदगी।।
 
रहती है हर घड़ी, ये मोहताज़ वक़्त की
 
अपने हिसाब से कहां चलती है जिंदगी।।
 
चाहे नसीब इसको सिकंदर ही बना दे
 
कितना ही ज़र मिले पर मचलती है जिंदगी।।
 
छू आए चाहे जा-कर ये ख़ुद आसमान को
 
सोती है क़ब्र में या फ़िर जलती है जिंदगी।।
 
इक़बाल मेंहदी काज़मी
[[श्रेणी:2018 में बनी हिन्दी फ़िल्म]]
[[श्रेणी:भारतीय फ़िल्में]]