"रामानुज": अवतरणों में अंतर
Content deleted Content added
शीतल सिन्हा (वार्ता | योगदान) No edit summary |
शीतल सिन्हा (वार्ता | योगदान) |
||
पंक्ति 23:
== संक्षिप्त जीवनी ==
१०१७ ईसवी सन् में रामानुज का जन्म दक्षिण भारत के [[तमिल नाडु]] प्रान्त में हुआ था।<ref>https://hindi.iskcondesiretree.com/life-of-sri-ramanujacharya/</ref> बचपन में उन्होंने [[कांचीपुरम|कांची]] जाकर अपने गुरू यादव प्रकाश से वेदों की शिक्षा ली। रामानुजाचार्य आलवार सन्त यमुनाचार्य के प्रधान शिष्य थे। गुरु की इच्छानुसार रामानुज से तीन विशेष काम करने का संकल्प कराया गया था - ब्रह्मसूत्र, विष्णु सहस्रनाम और दिव्य प्रबन्धम् की टीका लिखना। उन्होंने गृहस्थ आश्रम त्याग कर श्रीरंगम् के यतिराज नामक संन्यासी से [[संन्यास|सन्यास]] की दीक्षा ली।
मैसूर के श्रीरंगम् से चलकर रामानुज शालिग्राम नामक स्थान पर रहने लगे। रामानुज ने उस क्षेत्र में बारह वर्ष तक [[वैष्णव सम्प्रदाय|वैष्णव धर्म]] का प्रचार किया। उसके बाद तो उन्होंने वैष्णव धर्म के प्रचार के लिये पूरे [[भारत]]वर्ष का ही भ्रमण किया। ११३७ ईसवी सन् में १२० वर्ष की आयु पूर्ण कर वे [[मृत्यु|ब्रह्मलीन]] हुए।
|