"राम नवमी": अवतरणों में अंतर
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:''चैत्रे नवम्यां प्राक् पक्षे दिवा पुण्ये पुनर्वसौ ।''
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==राम जन्म कथा==
हिन्दु धर्म शास्त्रों के अनुसार [[त्रेतायुग]] में [[रावण]] के अत्याचारों को समाप्त करने तथा धर्म की पुन: स्थापना के लिये [[विष्णु|भगवान विष्णु]] ने मृत्यु लोक में श्री राम के रूप में [[अवतार]] लिया था। श्रीराम चन्द्र जी का जन्म [[चैत्र]] शुक्ल की नवमी <ref>
==रामनवमी पूजन==
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यज्ञ समाप्ति के बाद महर्षि ने दशरथ की तीनों पत्नियों को एक-एक कटोरी खीर खाने को दी। खीर खाने के कुछ महीनों बाद ही तीनों रानियाँ गर्भवती हो गयीं। ठीक 9 महीनों बाद राजा दशरथ की सबसे बड़ी रानी [[कौशल्या]] ने राम को जो भगवान [[विष्णु]] के सातवें अवतार थे, [[कैकेयी|कैकयी]] ने [[भरत]] को और [[सुमित्रा]] ने जुड़वा बच्चों [[लक्ष्मण]] और [[शत्रुघ्न]] को जन्म दिया। भगवान राम का जन्म धरती पर दुष्ट प्राणियों को खत्म करने के लिए हुआ था।<ref name=":0" />
==सन्दर्भ==
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