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रामायण के सारे चरित्र अपने [[धर्म]] का पालन करते हैं।
* [[राम]] एक आदर्श पुत्र हैं। पिता की आज्ञा उनके लिये सर्वोपरि है। पति के रूप में [[राम]] ने सदैव एकपत्नीव्रतएक पत्नीव्रत का पालन किया। राजा के रूप में प्रजा के हित के लिये स्वयं के हित को हेय समझते हैं। विलक्षण व्यक्तित्व है उनका। वे अत्यन्त वीर्यवान, तेजस्वी, विद्वान, धैर्यशील, जितेन्द्रिय, बुद्धिमान, सुंदर, पराक्रमी, दुष्टों का दमन करने वाले, युद्ध एवं नीतिकुशल, धर्मात्मा, मर्यादापुरुषोत्तम, प्रजावत्सल, शरणागत को शरण देने वाले, सर्वशास्त्रों के ज्ञाता एवं प्रतिभा सम्पन्न हैं।<ref>{{Cite web|url=https://navbharattimes.indiatimes.com/astro/photo/these-6-things-are-necessary-for-progress-in-life-according-to-ramayana-67019/|title=रामायण का महाज्ञान|last=|first=|date=|website=नव भारत टाइम्स|archive-url=|archive-date=|dead-url=|access-date=}}</ref>
 
* [[सीता]] का पतिव्रत महान है। सारे वैभव और ऐश्वर्य को ठुकरा कर वे पति के साथ वन चली गईं।