"निर्गुण ब्रह्म": अवतरणों में अंतर
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હવા. પાણી. અગ્નિ...ની કોઈ જાત નથી હોતી.....નથી કોઈ તેનો ધરમ ...તો પણ તે બ્રહ્માંડ ના દરેક જીવને જીવન આપે છે....જેમકે ..હિન્દુ..મુસ્લિમ કે કોઈ પણ ધરમ હોય બધા ને જીવન આપે છે......બસ વિચાર આપણા જ છે નાત જાત ધરમ...બસ આ બધું કર્મને આધીન છે... टैग: मोबाइल संपादन मोबाइल वेब संपादन |
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'''निर्गुण उपासना पद्धति''' में ईश्वर के निर्गुण रूप की उपासना की जाती है। हिन्दू ग्रंथ में ईश्वर के निर्गुण और सगुण दोनों रूप और उनके उपासकों के बारे में बताया गया है। निर्गुण ब्रह्म ये मानता है कि ईश्वर अनादि, अनन्त है वह न जन्म लेता है न मरता है, इस विचारधारा को मान्यता दी गई है।
==सन्दर्भ==
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