"कर्म": अवतरणों में अंतर
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साधारण बोलचाल की भाषा में '''कर्म''' का अर्थ होता है 'क्रिया'। [[व्याकरण]] में क्रिया से निष्पाद्यमान फल के आश्रय को कर्म कहते हैं। "राम घर जाता है' इस उदाहरण में "घर" गमन क्रिया के फल का आश्रय होने के नाते "जाना क्रिया' का कर्म
== दर्शन ==
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