"स्वर वर्ण": अवतरणों में अंतर
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'''स्वर''' (vowel) उन ध्वनियों को कहते हैं जो बिना किसी अन्य वर्णों की सहायता के उच्चारित किये जाते हैं। स्वतंत्र रूप से बोले जाने वाले वर्ण,स्वर कहलाते हैं। हिन्दी भाषा में मूल रूप से ग्यारह स्वर होते हैं। ग्यारह स्वर के वर्ण : अ,आ,इ,ई,उ,ऊ,ऋ,ए,ऐ,ओ,औ आदि। हिन्दी भाषा में ऋ को आधा स्वर(अर्धस्वर) माना जाता है,अतः इसे स्वर में शामिल किया गया है। हिन्दी भाषा में प्रायः ॠ और ऌ का प्रयोग नहीं होता।अं और अः को भी स्वर में नहीं गिना जाता। इसलिये हम कह सकते हैं कि हिन्दी में 11 स्वर होते हैं।यदि ऍ,ऑ नाम की विदेशी ध्वनियों को शामिल करें तो हिन्दी में 11 2=13 स्वर होते हैं,फिर भी 11 स्वर हिन्दी में मूलभूत हैं।
स्वरों के भेद▼
स्वरों के दो भेद होते हैं।▼
▲== स्वरों के भेद ==
ह्रस्व स्वर▼
▲स्वरों के दो भेद होते हैं।
▲=== ह्रस्व स्वर ===
वह स्वर जिनको सबसे कम समय में उच्चारित किया जाता है। ह्रस्व स्वर कहलाते हैं।
जैसे- अ, इ, उ, ऋ
=== दीर्घ स्वर ===
वह स्वर जिनको बोलने में ह्रस्व स्वरों से अधिक समय लगता है।
जैसे- आ, ई, ऊ, ए, ऐ, ओ, औ
== वर्गीकरण ==
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== सन्दर्भ==
{{टिप्पणीसूची}}
==बाहरी कड़ियाँ==
[[श्रेणी:भाषा-विज्ञान]]
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