"गुर्जर": अवतरणों में अंतर
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| populated_states = [[भारतीय उपमहाद्वीप]], मुख्यतः [[उत्तर भारत]], [[सौराष्ट्र]] ([[गुजरात]])
| languages = [[हिन्द-आर्य भाषाएँ]]
| religions = मुख्यतः [[हिन्दू धर्म|हिन्दू]], अन्य:
}}
'''गुर्जर''' अथवा '''गूजर''' भारतीय उपमहाद्वीप का एक जातीय समूह है।
गुर्जर लोग मुख्यत: [[उत्तर भारत]], [[पाकिस्तान]] और [[
प्राचीन काल में युद्ध कला में निपुण रहे गुर्जर मुख्य रूप से [[खेती]] और [[पशुपालन]] के व्यवसाय से जुड़े हुए हैं। गुर्जर अच्छे योद्धा माने जाते थे और इसीलिए [[भारतीय सेना]] में अभी भी इनकी अच्छी ख़ासी संख्या है।{{cn|date=अप्रैल 2020}}
==नाम==
गुर्जर समुदाय को गुज्जर, गूजर, गोजर, गुर्जर, तथा गूर्जर
इस जाति का नाम [[अफ़्ग़ानिस्तान के राष्ट्रगान]] में भी आता है।{{cn|date=अप्रैल 2020}} गुर्जरों के ऐतिहासिक प्रभाव के कारण उत्तर भारत और पाकिस्तान के बहुत से स्थान गुर्जर जाति के नाम पर रखे गए हैं, जैसे कि भारत का [[गुजरात राज्य]],
== उत्पत्ति ==
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इतिहास के अनुसार 5वी सदी में [[भीनमाल]] गुर्जर सम्राज्य की राजधानी थी तथा इसकी स्थापना गुर्जरो ने की थी। [[भरुच]] का सम्राज्य भी गुर्जरो के अधीन था। चीनी यात्री [[ह्वेन्सान्ग]] अपने लेखो में गुर्जर सम्राज्य का उल्लेख करता है तथा इसे 'kiu-che-lo' बोलता है।<ref name="ref06vefid">[http://persian.packhum.org/persian/index.jsp?serv=pf&file=80201011&ct=90 Juzr or Jurz], Persian Texts in Translation, The Packard Humanities Institute, Accessed 2007-05-31</ref>
छठी से 12वीं सदी में गुर्जर कई जगह सत्ता में थे। [[गुर्जर प्रतिहार राजवंश|गुर्जर-प्रतिहार वंश]] की सत्ता [[कन्नौज]] से लेकर [[बिहार]], [[उत्तर प्रदेश]], [[महाराष्ट्र]] और [[गुजरात]] तक फैली थी। [[मिहिरभोज]] को गुर्जर-प्रतिहार वंश का बड़ा शासक माना जाता
इतिहासकार बताते हैं कि मुगल काल से पहले तक लगभग पूरा [[राजस्थान]] तथा [[गुजरात]], 'गुर्जरत्रा' (गुर्जरो से रक्षित देश) या गुर्जर-भूमि के नाम से जाना जाता था।<ref name="Ramesh Chandra Majumdar 1977 153">{{cite book|title=The History and Culture of the Indian People: The classical age|author=Ramesh Chandra Majumdar|coauthor=Achut Dattatrya Pusalker, A. K. Majumdar, Dilip Kumar Ghose, Vishvanath Govind Dighe, Bharatiya Vidya Bhavan|publisher=Bharatiya Vidya Bhavan|year=1977|page=153}}</ref>[[अरब]] लेखकों के अनुसार गुर्जर उनके सबसे भयंकर शत्रु थे। उन्होंने ये भी कहा है कि अगर गुर्जर नहीं होते तो वो भारत पर 12वीं सदी से पहले ही अधिकार कर लेते।<ref name="ref64libuj"/> [[पन्ना धाय]] जैसी वीरांगना पैदा हुई, जिसने अपने बेटे चन्दन का बलिदान देकर [[उदय सिंह]] के प्राण बचाए। बिशालदेव गुर्जर बैसला ([[अजमेर]] शहर के संस्थापक) जैसे वफादार दोस्त हुए जिन्होने दिल्ली का शासन तंवर राजाओं को दिलाने में पूरी जी-जान लगा दी। विजय सिंह पथिक जैसे क्रांतिकारी नेता हुए, जो राजा-महाराजा किसानो को लूटा करते थे, उनके खिलाफ आँदोलन चलाकर उन्होंने किसानो को मजबूत किया। मोतीराम बैसला जैसे पराक्रमि हुए जिन्होने मुगलो औऱ जाटो को आगरा में ही रोक दिया।{{cn|date=अप्रैल 2020}}
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गुर्जरों को अंग्रेजों ने ''क्रिमिनल ट्राइब'' (यानी बदमाश समुदाय) कह कर पुकारा था। इसलिए उस वक़्त अंग्रेज़ों की सरकार ने गुर्जरों को बागी घोषित कर दिया था, इसी वजह से गुर्जर जंगलों और पहाड़ों में रहने लगे और इसी वजह गुर्जर पढाई-लिखाई से वंचित रह गये।<ref name="ref06vefid"/>.
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==इन्हें भी देखें==
* [[गुर्जर प्रतिहार राजवंश]]
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